देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे लेकर मोदी सरकार ने तीसरी बार में 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष बनाया था. देश के बड़े उद्योग पतियों से लेकर आम आदमी ने इस पीएम केयर्स में लाखों-करोड़ों रुपये का सहयोग किया है. अब कांग्रेस पीएम केसर्य कोष पर राजनीति कर रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से आग्रह किया कि वह कोरोना वायरस के संकट से निपटने के मकसद से बने ‘पीएम केयर्स’ कोष का ऑडिट सुनिश्चित करें.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि पीएम केयर्स कोष को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और रेलवे जैसे बड़े सरकारी उपक्रमों से काफी पैसा मिला। यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री सुनिश्चित करें कि इस कोष का ऑडिट हो तथा पैसे लेने और खर्च करने का रिकॉर्ड जनता के समक्ष उपलब्ध हो. कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत के दौरान भी कहा था कि पीएम केयर्स कोष का ऑडिट होना चाहिए.
कोरोना के खिलाफ पीएमओ से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती, राज्यों को साझेधार बनाएं प्रधानमंत्री : राहुल
गौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोगों के बीच से कोरोना वायरस से जुड़ा डर का माहौल खत्म करने की जरूरत पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस संकट के खिलाफ सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्रियों पर विश्वास करना एवं राज्यों को साझेदार बनाना होगा.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के कदमों में पारदर्शिता होनी चाहिए तथा सरकार छोटे कारोबारों की तत्काल मदद करे और गरीबों एवं मजदूरों के खातों में 7500 रुपये डाले. गांधी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें छोटे कारोबारों, मजदूरों की मदद करनी होगी. लोगों की नौकरियां जा रही हैं. अगर हम अभी मदद नहीं करते हैं तो (बेरोजगारी की) सुनामी आ जाएगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें लॉकडाउन से बाहर निकलना है तो हमें डर खत्म करना होगा. यह बताना होगा कि कोरोना वायरस 99 प्रतिशत लोगों के लिए खतरनाक नहीं हैं. जिन एक फीसदी लोगों के लिए यह खतरनाक है उनकी हमें सुरक्षा करनी होगी.’’ गांधी ने कहा, ‘‘आज हमें यह भूलना होगा कि मैं मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं. हम सबसे पहले हिन्दुस्तानी है. हमें हिन्दुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा.’’
कांग्रेस नेता के मुताबिक, सरकार को अब अपने कार्यों में थोड़ी पारदर्शिता बरतने की जरूरत है. लॉकडाउन खोलने के लिए मापदंडों को समझने की जरूरत है. यह महत्वपूर्ण है कि सरकार भारत के लोगों से उन मापदंडों के बारे में बताएं, जिनका उपयोग वो करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ आज स्थिति सामान्य नहीं है. इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है. अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है. अगर हम इस लड़ाई को पीएमओ तक रखेंगे, तो हार हो सकती है.’’
Source : News Nation Bureau