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PM नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे रेडियो पर करेंगे 'मन की बात'

पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित करेंगे. आपको बता दें पीएम मोदी साल 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अब तक मन की बात 2.0 के 16 एपिसोड कर चुके हैं.

Updated on: 25 Oct 2020, 12:02 AM

नई दिल्‍ली:

पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित करेंगे. आपको बता दें पीएम मोदी साल 2019 में दोबारा चुने जाने के बाद अब तक मन की बात 2.0 के 16 एपिसोड कर चुके हैं. इस माह के अंतिम रविवार यानी 25 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम की यह 17वीं कड़ी होगी. पीएम मोदी ने इसकी जानकारी दी है. 

आपको बता दें कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर को अपने मन की बात संबोधन में कहा था कि कोविड संकट के दौरान, देश के किसानों ने शानदार सहनशीलता का परिचय दिया है. पीएम ने कहा था कि यदि कृषि क्षेत्र मजबूत रहेगा, तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत रहेगी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में, यह क्षेत्र कई प्रतिबंधों से मुक्त हुआ है और इसने कई मिथकों से भी मुक्त होने की कोशिश की है.

प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है.

रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 69वें प्रसारण में नरेंद्र मोदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के कठिन दौर में कृषि क्षेत्र और देश के किसानों ने फिर अपना दमखम दिखाया. उन्होंने कहा, 'हमारे यहां कहा जाता है कि जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वह बड़े से बड़े तूफानों में भी उतना ही अधिक रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है. संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है.'

उन्होंने कहा था कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी. मोदी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ सफल किसानों तथा किसान समूहों का जिक्र करते हुए कहा कि बीते कुछ समय में कृषि क्षेत्र ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है और अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है.