पीएम मोदी का विपक्ष पर निशाना- कोरोना काल में जो आधार सहारा बना, उसे रोकने कौन SC गया था?
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उशे सवालों को जवाब दिया है. इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है.
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उशे सवालों को जवाब दिया है. इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए. लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे? इस कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है. हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे. और हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं.
जिन संस्कारों को लेकर हम पले-बढ़े हैं, वो हैं- सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया. कोरोना कालखंड में भारत ने ये करके दिखाया है. हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें. ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है. आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फ़ॉर लोकल सुनाई दे रहा है. ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा. ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है. इसका गौरवगान हमें करना चाहिए. भारत की पहचान बनाने के लिए ये भी एक अवसर है.
उन्होंने आगे कहा कि हम कोरोना से जीत पाए, क्योंकि डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस का ड्राइवर ये सब भगवान के रूप में आए. हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी. दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है. यही भारत है जिसने जनधन, आधार और मोबाइल के द्वारा 2 लाख करोड़ रुपया इस कालखंड में लोगों तक पहुंचा दिया.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज जब हम भारत की बात करते हैं तो मैं स्वामी विवेकानंद जी की बात का स्मरण करना चाहूंगा. "हर राष्ट्र के पास एक संदेश होता है, जो उसे पहुंचाना होता है, हर राष्ट्र का एक मिशन होता है, जो उसे हासिल करना होता है, हर राष्ट्र की एक नियति होती है, जिसे वो प्राप्त करता है."
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