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अचानक पाकिस्‍तान जाने के फैसले से सभी मंत्री और अधिकारी चिंतित थे कि कुछ अनहोनी न हो जाए : पीएम मोदी

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि मैं सरकार चुनाव के लिए नहीं चलाता हूं...मेरे सारे फैसले देश के लिए होते हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने अपील करते हुए कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार में बहुत ताकत होता है

Updated on: 05 May 2019, 07:39 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में कहा कि मुझ में कुछ कमियां है तो कुछ गुण भी है, लेकिन मैंने तय किया है कि जब तक मैं इस पद पर रहूंगा या फिर कही भी तो सिर्फ देश के लिए जिउंगा...आपके देशवासियों के लिए काम करता रहूंगा. पीएम मोदी ने कहा कि मैंने अपने जीवन में कई चुनाव लड़े हैं और उससे ज्यादा लड़वाए हैं संगठन में रहते हुए, लेकिन ये पहला चुनाव देख रहा हूं जहां देश चुनाव लड़ रहा है. बीजेपी के साथ पूरा देश चुनाव लड़ रहा है.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि मैं सरकार चुनाव के लिए नहीं चलाता हूं...मेरे सारे फैसले देश के लिए होते हैं. इसके साथ ही उन्होंने लोगों से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने अपील करते हुए कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार में बहुत ताकत होता है. 30 साल तक पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनने से देश ने बहुत खामियाजा भुगता है. विदेश स्तर पर भी और राष्ट्रीय स्तर पर भी. 2014 में हमने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और देखिए क्या नतीजा हुआ. भारत का विश्व स्तर पर आज एक अलग पहचान है. पीएम ने आगे कहा कि पूर्ण बहुमत की सरकार 21वीं सदी की जरूरत है.

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इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि वो जब विदेश जाते हैं और नेताओं से मिलते हैं तो दिमाग से ज्यादा व्यक्तिगत रूप से दिल से काम लेता हूं. उन्होंने कहा कि जब वो नेताओं के साथ टेबल पर बैठते हैं तो उस वक्त दिमाग प्रमुख हो जाता है और जब टेबल से उठता हूं तो दिल जोड़ने का काम करता हूं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि बचपन से ही उनमें आत्मविश्वास बहुत था. उन्होंने पीएम बनने का काफी सोचा नहीं था, लेकिन जब वो बचपन में अखबार देखते थे...टीवी का जमाना आया तो टीवी देखते थे....उस वक्त जब विदेश के नेता यहां आते थे तो उनके आगे हमारे नेता को वो पकड़ कर ले जाते थे..वो मुझे बहुत खलता था...तब ही मैंने तय कर लिया था कि ना मैं आंख उठाकर बात करूंगा...ना झुका कर...मैं आंख मिलाकर बात करूंगा.

पाकिस्तान के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्रियों-नवाज शरीफ और इमरान खान-के साथ दोस्ताना व्यवहार किया, लेकिन उन्होंने बदले में वैसा हावभाव नहीं दिखाया. अफगानिस्तान से वापसी में अचानक पाकिस्तान के अपने दौरे के संबंध में मोदी ने कहा कि शरीफ ने उनको मिलने के लिए लाहौर बुलाया था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके इस दौरे का मकसद यह संदेश देना था कि पाकिस्तान के प्रति भारत की मंशा खराब नहीं है.

उन्होंने कहा कि मैंने सुषमाजी (विदेश मंत्री) से बातचीत की. उन्होंने कहा कि आप फैसला लीजिए. मैंने एनएसए, एसपीजी से बात की। सभी चिंतित थे क्योंकि अधिकारियों के पास न तो वीजा था और न ही उनकी कोई सुरक्षा व्यवस्था थी. किसी को स्थान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी. हमें सीधा उतरना होगा. मैंने कहा, आइए, हम चलें, हम देखेंगे.

उन्होंने शरीफ को 'सच्चा व्यक्ति' बताया.

पंजाब के सीमावर्ती शहर स्थित वायुसेना के अड्डे पर हमले के संदर्भ में मोदी ने कहा, 'उनको भारत के बारे में झूठी बातें बताई जा रही थीं. उनको संदेश मिला कि भारत पाकिस्तान के लोगों की भलाई चाहता है. हम वापस आए और एक सप्ताह के भीतर पठानकोट पर हमला हुआ.'

मोदी ने कहा कि जब इमरान खान प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने फोन पर बात की. उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि दोनों देशों ने कई युद्ध लड़े और हर बार पाकिस्तान को हार मिली। बतौर प्रधानमंत्री हम दोनों को अगले पांच साल गरीबी दूर करने के लिए काम करना चाहिए.'

हालांकि, उसके बाद पुलवामा की घटना हो गई.

मोदी ने कहा, 'पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि किसी को मालूम नहीं कि उस देश को कौन चलाता है और हमें किससे बात करनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर यह सिर्फ उनका ही अनुभव नहीं है बल्कि अमेरिका, रूस, खाड़ी व अरब देशों के नेताओं का भी ऐसा ही नजरिया है.

मोदी ने कहा कि दुनिया के कई नेताओं ने उनको बताया कि उनको नहीं मालूम कि पाकिस्तान में किससे बात की जाए.

उन्होंने कहा, 'नेताओं ने मुझसे कहा कि आप किससे बात करेंगे.. सेना से, आईएसआई से या चुने हुए निकाय से? हमें खुद नहीं मालूम कि उस देश को कौन चलाता है.'