पीएम मोदी को मिला 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड, UN महासचिव ने किया सम्मानित
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया।
नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया। यह संयुक्त राष्ट्र के तरफ से पर्यावरण के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। संयुक्त राष्ट्र ने 27 सितंबर को इस पुरस्कार को दिए जाने की घोषणा की थी। 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवार्ड से सम्मानित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान भारतीयों के लिए है। भारतीय पर्यावरण को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पीएम मोदी ने कहा, 'जलवायु और आपदा सीधे तौर पर संस्कृति से संबंधित हैं। अगर जलवायु संस्कृति पर केंद्रित नहीं है तो आपदा को नहीं रोका जा सकता है। जब मैं कहता 'सबका साथ' कहता हूं तो इसमें प्रकृति भी शामिल होती है।
पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को इंटरनेशनल सोलर अलायंस में उत्तम दर्जे के कामों के लिए पॉलिसी लीडरशिप कैटगरी के लिए चुना गया था। साथ ही दोनों नेताओं को पर्यावरण संबंधी कार्यों में नए क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के कारण भी चुना गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इमैनुएल मैक्रों के अलावा 6 कैटगरी में जोन कार्लिंग, बियॉन्ड मीट एंड इंपॉसिबल फूड्स, चीन के झेजियांग के ग्रीन रूरल रिवाइवल प्रोग्राम और कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इस अवार्ड के लिए चुना गया था।
मैक्रों के पर्यावरण के लिए ग्लोबल पैक्ट पर कार्यों और मोदी के द्वारा 2022 तक भारत में प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह खत्म करने के अभूतपूर्व वचन के कारण भी चैंपियन अवार्ड के लिए चुना गया था।
वहीं कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सतत ऊर्जा के इस्तेमाल में नेतृत्व के लिए चुना गया था। कोच्चि एयरपोर्ट को उद्यमी दूरदर्शिता के लिए चुना गया। बता दें कि कोच्चि एयरपोर्ट विश्व का पहला सोलर ऊर्जा से पूरी तरह से संचालित एयरपोर्ट है।
क्या है चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार
यह अवार्ड हर साल 6 लोगों को पर्यावरण संबंधी क्षेत्र में उत्कृष्ठ बदलाव लाने के लिए दिया जाता है। इस अवार्ड को पॉलिसी नेतृत्व, उद्यम दूरदर्शिता सहित विज्ञान और इनोवेशन जैसी कैटगरी में उपलब्धि के लिए दिया जाता है।
चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार सरकार, सिविल सोसायटी और निजी क्षेत्रों से उत्कृष्ठ नेतृत्व करने वालों को दिया जाता है जिनके प्रयासों से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने 13 साल पहले इस अवार्ड की शुरुआत की थी जिसके तहत अब तक पॉलिसी, विज्ञान, व्यवसाय, सिविल सोसायटी के अंतर्गत 84 पुरस्कार दिए जा चुके हैं।
मोदी-मैक्रों की सहअध्यक्षता में ISA समिट
बता दें कि इसी साल मार्च में नई दिल्ली में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और इससे जुड़े अन्य एजेंडे को लेकर इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट का आयोजन किया गया जिसमें भारत और फ्रांस ने नेतृत्व की भूमिका अदा की थी।
मोदी के साथ सम्मेलन की सहअध्यक्षता करने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2022 तक वैश्विक सौर ऊर्जा पीढ़ी के लिए अतिरिक्त 70 करोड़ यूरो के निवेश की घोषणा की थी, ताकि जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम और जलवायु परिवर्तन से सामना करने में मदद की जा सके।
गौरतलब है कि भारत की सौर ऊर्जा क्षमता दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है। देश ने पिछले चार वर्षों में अपनी सौर ऊर्जा क्षमता को लगभग आठ गुना बढ़ा दिया है।
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