Covishield Vaccine: कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. ब्रिटेन की कोर्ट के बाद अब भारत में भी सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर शिकायत दर्ज की गई है. इस बीच एक और बड़ी खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दरअसल कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है. भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक जानकारी दी गई . इसके तहत कोविड-19 वैक्सीन के सर्टिफिकेट में बदलाव किया गया. सरकार ने CoWin सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर ही हटा दी. हालांकि पहले उनकी तस्वीर को सर्टिफिकेट पर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था.
सर्टिफिकेट पर क्या लिखा था
कोविन में कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर लिखा था- साथ मिलकर, भारत कोरोना को हरा देगा. बताया जा रहा है कि कोविशील्ड को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार की ओर से ये कदम उठाया गया है.
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स्टेटस चेक कर रहे लोग
बता दें कि हाल में यूके की कोर्ट में एस्ट्राजेनेका के साइड इफेक्ट को लेकर चल रहे केस में कंपनी ने इसके साइड इफेक्ट की बात कबूल की थी. कंपनी ने माना था कि इससे हार्ट अटैक का भी खतरा है. बता दें कि कोविशील्ड वैक्सीन भी इसी फॉर्मूले पर तैयार की गई थी. इस वैक्सीन को लेकर भी साइड इफेक्ट की बात सामने आ रही है. वहीं इस खबर के सामने आने के बाद से ही लोग कोविन एप्प पर जाकर अपनी वैक्सीन का स्टेटस चेक कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर भी वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर खास चर्चाएं हो रही हैं. कोई इससे खून के थक्के जमने की बात कर रहा है तो कई दिल का दौरा पड़ने की बात भी कर रहा है.
तस्वीर हटाने की ये है वजह
दरअसल इस मामले में स्वास्थ्य और परिवार कल्याम मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में आदर्श आचार संहिता लागू है. यही वजह है कि पीएम मोदी की तस्वीर को कोविड 19 सर्टिफिकेट से हटाया गया है.
पहली बार नहीं हटी है तस्वीर
ऐसा पहली बार नहीं किया गया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को कोविड 19 सर्टिफिकेट से हटाया गया है. इससे पहले भी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम की फोटो को रिमूव किया गया था. इस दौरान उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर के साथ-साथ गोवा में एसेंबली इलेक्शन हुए थे.
पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर उठा था विवाद
बता दें कि कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर लगाए जाने को लेकर विवाद भी उठ चुका है. मामला 2021 का है. जब केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इसके विरोध में कहा गया था कि कोरोना महामारी के दौरान किसी भी देश में कोरोना सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर नहीं छपी है. हालांकि जज पीवी कुन्हिकष्णन की ओर से कहा गया था कि 'उन्हें अपने प्रधानमंत्रियों पर गर्व नहीं हो सकता, हमें अपने पीएम पर गर्व है.'
Source : News Nation Bureau