PM मोदी ने साझा किया ये ट्वीट, लिखा- कमजोर लोगों की मदद के लिए उठाए गए कुछ कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान समाज के सबसे कमजोर वर्गों की मदद के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित करने के लिए वित्त मंत्रालय का एक ट्वीट साझा किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान समाज के सबसे कमजोर वर्गों की मदद के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित करने के लिए वित्त मंत्रालय का एक ट्वीट साझा किया.

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Deepak Pandey
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पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान समाज के सबसे कमजोर वर्गों की मदद के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित करने के लिए वित्त मंत्रालय का एक ट्वीट साझा किया. पीएम मोदी ने ट्वीट साझा करते हुए लिखा कि सबसे कमजोर लोगों की मदद के लिए उठाए गये कुछ कदम.

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मंत्रालय ने कहा कि 33 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 22 अप्रैल तक 31,235 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिली. इसमें कहा गया कि सरकार द्वारा स्थापित मजबूत डिजिटल भुगतान ढांचे ने पीएमजीकेपी के तहत त्वरित नकदी हस्तांतरण सुनिश्चित किया है. सरकार ने 26 मार्च को पीएमजीकेपी की घोषणा की थी.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 33 करोड़ लोगों को दी गयी 31,235 करोड़ रुपये की सहायता

बता दें कि सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत 33 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को 31,235 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए ‘लॉकडाउन’ (बंद) के प्रभाव से लोगों को बचाने के लिये पिछले महीने इस योजना की घोषणा की थी. कुल 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज के तहत सरकार ने गरीबों को मुफ्त में राशन, महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों तथा किसानों को नकद सहायता देने आदि की घोषणा की थी.

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पैकेज का सुचारू रूप से क्रियान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार नजर रख रही है. बयान के अनुसार वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, मंत्रिमंडल सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय यह सुनिश्चित करने का हर संभव प्रयास कर रहा है कि राहत उपाय जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंचे. इसमें कहा गया है, लाभार्थियों तक सही और कुशल तरीके से लाभ पहुंचाने के लिये वित्तीय प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है.

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इसमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये लाभार्थियों को मदद दी जा रही है. यानी यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा डाला जाए. इससे जहां एक तरफ गड़बडी पर अंकुश लगा वहीं कार्य कुशलता बढ़ी है. साथ ही इससे लाभ की राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में चली जाती है और उसे इसके लिये बैंक या कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ती. बयान के अनुसार पीएम किसान योजना के तहत 22 अप्रैल तक पात्र कृषकों के खाते में 16,146 करोड़ रुपये डाले गये हैं.

इस योजना के तहत 8 करोड़ चिन्हित लाभार्थियों को सीधे उनके खाते में 2,000 रुपये डाले गये हैं. इस योजना के तहत पात्र किसानों को तीन समान किस्तों में साल 6,000 रुपये दिये जाते हैं. इसके अलावा 20.05 करोड़ महिला जनधन खाता धारकों को पहली किस्त के रूप में 500-500 रुपये दिये गये हैं. इसके तहत 22 अप्रैल तक कुल 10,025 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते में डाले गये. इसके तहत तीन महीने तक 500-500 रुपये दिये जाने की घोषणा की गयी है. बयान के अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत अप्रैल महीने में निर्धारित 40 लाख टन में से 40.03 लाख टन अनाज का उठाव 36 रज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने किया है.

इसमें कहा गया है, बीस अप्रैल तक 31 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने 39.27 करोड़ लाभार्थियों को 19.63 लाख टन अनाज का वितरण किया है. ये लोग 1.19 करोड़ राशन कार्ड के दायरे में आते हैं. इसके अलावा 1,09,227 टन दाल भी विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश भेजे गये हैं. इसके अलावा 3.05 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बुक किये गये हैं. कुल 2.66 करोड़ मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर का वितरण लाभार्थियों को पहले ही किया जा चुका है.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत श्रमिकों की मजदूरी भी बढ़ायी गयी है. इसे एक अप्रैल से अधिसूचित किया गया है. राज्यों को बकाया मजदूरी और सामग्री का पैसा देने के लिये 7,100 करोड़ रुपये जारी किये गये .हैं बयान के मुताबिक निर्माण कार्यों में लगे 2.17 करोड़ कामगारों को ‘बिल्डिंग एवं निर्माण सामग्री कोष के तहत वित्तीय सहायता दी गयी है. राज्य सरकार द्वारा प्रबंधित इस कोष के तहत 3,497 करोड़ रुपये लाभार्थियों को दिये गये हैं.

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