/newsnation/media/post_attachments/images/2019/05/31/womenministers-14.jpg)
नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की दोबारा शपथ ले ली. उनके साथ मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में कई सांसद ने भी शपथ ली. वहीं बता दें कि इस बार मोदी कैबिनेट में 6 महिलाओं को मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है. साध्वी निरंजन ज्योति, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, रेणुका सिंह और हरसिमरत कौर बादल समेत देवोश्री चौधरी के नाम शामिल है. बता दें कि मोदी सरकार-2 में कैबिनेट मंत्री के रूप में 24 सांसद, 24 राज्यमंत्री और राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में 9 सांसदों ने शपथ ली है.
1. टीवी से लेकर मंत्री पद तक का स्मृति ईरानी का सफर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र में हराने वाली स्मृति ईरानी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में वापसी की. अभिनेत्री से नेता बनी ईरानी मोदी सरकार के अधिक दिखने वाले चेहरों में से एक रही हैं और उन्हें अक्सर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दृष्टिकोण को साफगोई से रखने के लिए कहा जाता है.
2014 में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शमिल हुई ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. बाद में वह कपड़ा मंत्रालय चली गईं साथ ही बीच में, उन्हें सूचना और प्रसारण मंत्रालय की कमान भी दी गई.
23 मार्च 1976 को जन्मीं ईरानी एक पूर्व मॉडल हैं, जो प्रतिष्ठित टीवी शो 'क्यूंकि सास भी कभी बहू थी' में तुलसी विरानी की भूमिका के बाद से मशहूर हुई थीं. वह 2011 में राज्य सभा के लिए चुनी गई थी.
2. लगातार तीसरी बार जीतने वाली हरसिमरत कौर बादल ने ऐसे रखा जीत बरकरार
पिछली मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल की पत्नी और पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल की बहू कौर लगातार तीसरी बार बठिंडा लोकसभा सीट से जीतने में कामयाब रहीं.
वर्ष 2009 में कौर ने कांग्रेस के नेता और वर्तमान में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बेटे रणिइंदर सिंह को एक लाख वोटों के अंतर से हराया था. 2014 में, हरसिमरत कौर ने पंजाब के वित्त मंत्री और अपने बहनोई मनप्रीत सिंह बादल को हराया.
इस बार, 25 जुलाई को 53 साल की होने जा रही हरसिमरत कौर कांग्रेस प्रत्याशी और विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को 21,772 मतों के कम अंतर के करीबी मुकाबले में हराने में कामयाब रहीं.
3. देश की पहली महिला रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे बनाई कैबिनेट में दोबारा जगह
बीजेपी की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारण को मोदी सरकार 2.0 में मंत्री बनी हैं. वह मोदी कैबिनेट में फिर शामिल हुई हैं. निर्मला सीतारमण ने अंग्रेजी में शपथ ली है. 2014 की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण उन महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से बेहद कम समय में अपना एक अलग मुकाम पाया है.
रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने कड़ी चुनौतियों का सामना किया. जब लोकसभा चुनाव 2019 से पहले विपक्ष ने राफेल डील को लेकर उन पर निशाना साधा उस समय भी उन्होंने डट कर मुकाबला किया. कई बार सदन में तो कई बार प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने अपनी बात रखी.
गोवा में बीजेपी सरकार बनाने के लिए पार्टी ने तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को एक बार फिर गोवा की कमान दे दी. पर्रिकर द्वारा रक्षा मंत्री का पद छोड़ने के बाद 3 दिसंबर 2017 को सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाया गया. यह देश की पहली पूर्ण कालिक महिला रक्षा मंत्री रहीं. हालांकि उनसे पहले इंदिरा गांधी ने देश के रक्षा की कमान संभाली थी. लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए अतिरिक्त प्रभार संभाला था.
4. निषाद समुदाय से आने वाली साध्वी निरंजन ज्योति ने ऐसे किया मुकाम हासिल
मोदी कैबिनेट में साध्वी निरंजन ज्योति को दोबारा जगह दी गई है, इसबार भी उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया है. उन्होंने फतेहपुर संसदीय सीट पर गठबंधन उम्मीदवार बसपा के सुखदेव प्रसाद वर्मा को हराया था. पिछली सरकार में वो केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री थी.
52 साल की निरंजन ज्योति 2014 में उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीट से जीतकर पहली बार सांसद बनी थी. इससे पहले वे फतेहपुर से ही 2012 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक चुनी गई थी. निषाद समुदाय से आने वाली निरंजन ज्योति का जन्म उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के पटेवरा गांव में 1967 में हुआ है.
5. छत्तीसगढ़ से सांसद रेणुका सिंह का राजनीतिक जीवन
सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी निर्वाचित सांसद रेणुका सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत जनपद सदस्य के पद से शुरू की थी और छत्तीसगढ़ में हुए पहले विधानसभा चुनाव में उन्होंने तेजतर्रार आदिवासी नेता तुलेश्वर सिंह को पराजित कर विधानसभा में कदम रखा था. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री भी रही चुकी हैं. वह अनुसूचित जनजाति की तेजतर्रार नेत्री के तौर पर पूरे प्रदेश में जानी जाती हैं. साल-2003 से साल-2005 तक महिला बाल विकास मंत्री भी रही हैं. वह साल-2005 से साल-2013 तक सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी रह चुकी है.
रेणुका सिंह प्रेमनगर विधानसभा सीट से दो बार विधायक निर्वाचित भी हुई. हालांकि साल 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रेमनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार खेलसाय सिंह से उन्हें 18 हजार मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रेणुका सिंह पिता फूल सिंह 58 वर्ष सूरजपुर जिले के सुभाष चौक रामानुजनगर की निवासी हैं.
उन्होंने हायर सेकेंडरी स्कूल तक की पढ़ाई की है. रेणुका सिंह साल 2000 से 2003 तक अविभाजित मध्यप्रदेश में बीजेपी रामानुजनगर मंडल की प्रथम महिला अध्यक्ष बनी थी.
6. बंगाल में कमल खिलाने वाली देबाश्री चौधरी
देबाश्री चौधरी ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली. देबाश्री चौधरी रायगंज लोकसभा सीट से सांसद है. इन्होंने टीएमसी के कन्हैयालाल अग्रवाल को 60,574 मतों से हराया. वहीं तीसरे नंबर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के मोहम्मद सलीम रहे. रायगंज एक ग्रामीण संसदीय क्षेत्र है जहां साक्षरता दर 59.27% के करीब है. 2014 के डेटा के मुताबिक यहां 7,24,014 पुरुष और 6,63,479 महिलाएं मतदाता हैं. 33 मतदाता अन्य अथवा थर्ड जेंडर हैं. यहां अनुसूचित जाति की आबादी 28.7% के लगभग है और अनुसूचित जनजाति 4.96% के करीब है.
गौरतलब है कि सरकार ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) सदस्य देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था. राष्ट्रपति भवन में मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में करीब 8,000 अतिथि ने भाग लिया था.
Source : News Nation Bureau