कोविड प्रबंधन के लिए पीएम मोदी का नया मंत्र, 'जहां बीमार वहां उपचार'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड प्रबंधन के लिए एक नया मंत्र दिया, जहां बीमार वहां उपचार. मोदी ने कहा कि कोविड के इलाज को मरीज के घर तक लाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ कम होगा.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोविड प्रबंधन के लिए एक नया मंत्र दिया, जहां बीमार वहां उपचार. मोदी ने कहा कि कोविड के इलाज को मरीज के घर तक लाने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ कम होगा. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. बातचीत के दौरान वाराणसी के डॉक्टरों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के निरंतर और सक्रिय नेतृत्व के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, जिससे स्वास्थ्य संरचना बढ़ाने और आवश्यक दवाओं तथा वेंटिलेटर तथा ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिली.
कोविड को नियंत्रित करने के लिए पिछले एक महीने में किए गए प्रयासों, टीकाकरण की स्थिति तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियों की जानकारी प्रधानमंत्री को दी गई. प्रधानमंत्री ने काशी के डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों, वार्ड ब्वाय, एम्बुलेंस चालकों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की. उन्होंने अपने प्रियजनों को खोने वाले सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन पहल की प्रशंसा करने के साथ ही दवाओं की होम डिलीवरी की भी सराहना की. उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों से ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान को जहां तक संभव हो सके वहां तक व्यापक बनाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि काशी कवच नामक टेली मेडिसिन सुविधा प्रदान करने में डॉक्टरों, लैब तथा ई-मार्केटिंग कंपनियों को एक साथ लाने का कदम बहुत नवाचारी है.
प्रधानमंत्री को कोविड के प्रसार को रोकने के लिए पिछले एक महीने में किए गए प्रयासों, टीकाकरण की स्थिति और जिले को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए चल रहे कदमों और योजनाओं से अवगत कराया गया. डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री को सूचित किया कि वे म्यूकोर्मिकोसिस या काले कवक के खतरे के बारे में सतर्क हैं और पहले ही कदम उठा चुके हैं और बीमारी के प्रबंधन के लिए सुविधाएं तैयार कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री ने कोविड से लड़ने वाली मानव शक्ति के निरंतर प्रशिक्षण के महत्व पर बल दिया और अधिकारियों तथा डॉक्टरों को प्रशिक्षण सत्र, वेबिनार आयोजित करने की सलाह दी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे चिकित्सा सहायकों और डॉक्टरों के लिए. उन्होंने अधिकारियों से जिले में टीके की बबार्दी को कम करने की दिशा में काम करने को कहा.
उन्होंने बनारस में कम समय में तेजी से ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने और बहुत कम समय में पंडित राजन मिश्रा कोविड अस्पताल को सक्रिय करने की सराहना की. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वाराणसी में एकीकृत कोविड कमान प्रणाली ने बहुत अच्छा काम किया है और कहा कि वाराणसी का उदाहरण दुनिया को प्रेरित करता है.
बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वांचल में बच्चों में इनसेफ्लाइटिस मामलों में काफी हद तक नियंत्रण किए जाने का उदाहरण दिया. उन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में ब्लैक फंगस द्वारा पेश नई चुनौती से सचेत रहने को कहा.
मोदी ने कहा, पूर्व चेतावनियों और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों के प्रति ध्यान देना महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री ने कोविड के विरुद्ध लड़ाई में वाराणसी के जन प्रतिनिधियों द्वारा प्रदान किए गए नेतृत्व की सराहना की. उन्होंने जन प्रतिनिधियों से लोगों से जुड़े रहने का आग्रह किया और सलाह दी कि वे आलोचनाओं के बावजूद अपनी चिंताओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील रहें. मोदी ने कहा, अगर किसी नागरिक को किसी भी तरह की शिकायत है तो इसकी चिंता करना जन प्रतिनिधियों का दायित्व है.
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