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पीएम नरेंद्र मोदी न करें ऐसी गलती, नहीं तो फीका पड़ जाएगा शपथ ग्रहण समारोह

2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान कथित तौर पर पेश आए एक गलत उच्चारण के मद्देनजर शपथ ग्रहण के दौरान गलती होने के कय़ास कुछ ज्यादा ही लग रहे हैं.

Updated on: 01 Jun 2019, 05:21 AM

highlights

  • शपथ ग्रहण के दौरान गलत उच्चारण पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं बख्शते किसी को.
  • लालू के सुपुत्र तेजस्वी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आ चुके हैं उनके निशाने पर.
  • खुद नरेंद्र मोदी ने 2014 में किया था एक शब्द का गलत उच्चारण.

नई दिल्ली.:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाषा को लेकर काफी सख्त हैं. बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति (President Of India)बनने तक उनके साथ कम से कम तीन वाक्ये ऐसे पेश आए हैं, जब भाषा को लेकर उनकी सजगता स्पष्ट देखने में आई है. ऐसे में चर्चा है कि गुरुवार की शाम 7 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनके मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह (Oath Taking Ceremony) बगैर गलती के पूरा हो जाए, तो उसे ईश्वरीय आशीर्वाद ही माना जाएगा. खासकर 2014 में पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान कथित तौर पर पेश आए एक गलत उच्चारण के मद्देनजर भाषा को लेकर कय़ास कुछ ज्यादा ही लग रहे हैं.

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गलत उच्चारण पर लालू ने साधा था मोदी पर निशाना
गौरतलब है कि 2014 में प्रधानमंत्री पद (PM Modi) की शपथ लेते हुए नरेंद्र मोदी से कथित तौर पर एक शब्द का गलत उच्चारण हो गया था. इसके बाद राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने पीएम मोदी पर कई तीखे हमले किए थे. हालांकि यह अलग बात है कि जिस बात को लेकर लालू ने नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा किया था, उनके बेटे तेजस्वी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए वैसी ही स्थिति पैदा कर राजद को काफी असहज कर दिया था.

जब नरेंद्र मोदी नहीं कह पाए 'अक्ष्क्षुण'
गौरतलब है कि 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ के दौरान 'अक्ष्क्षुण' (Unharmed) शब्द का सही उच्चारण नहीं कर पाए थे. वह बजाय 'अक्ष्क्षुण' कहने के 'अक्षण' कह गए थे. इसके बाद लालू प्रसाद ने उन पर हमला बोलते हुए दोबारा सही शब्द के साथ शपथ लेने को कहा था. तब लालू यादव ने कहा था 'देश को तोड़ने का इनका इरादा है, क्योंकि पीएम ने देश की प्रभुत्ता और अखंडता को 'अक्ष्क्षुण' रखने की तो शपथ ली ही नहीं. 'अक्ष्क्षुण' ही नहीं बोला तो शपथ बेकार है. पीएम को दोबारा शपथ लेनी चाहिए. 'अक्षण' का हिंदी में कोई शाब्दिक अर्थ नहीं है.' हालांकि माना जाता है कि गुजराती जुबान के आदी नरेंद्र मोदी से यह चूक (Oath Gaffe) भर हुई थी.

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तेजस्वी का गलत उच्चारण पर उड़ा था मजाक
हालांकि कुछ सालों बाद बिहार में लालू के बेटे तेजस्वी (Tajaswi yadav) को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ के दौरान दो बार गलत उच्चारण करने पर तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद की 'झिड़की' खानी पड़ी थी. सोशल मीडिया पर मजाक अलग से बना था. हुआ यह था कि तेजस्वी को 'अपेक्षित' शब्द बोलना था, लेकिन उनके मुंह से 'उपेक्षित' निकल गया था. इस पर राज्यपाल रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने उन्हें टोकते हुए सही उच्चारण कराया. उसके बाद तेजस्वी फिर से गलती कर बैठे थे. उन्हें 'जब' बोलना था, लेकिन वह 'तब' बोल गए. इस पर भी उन्हें रामनाथ कोविंद ने फिर से सही उच्चारण करने को कहा था.'

धर्मेंद्र प्रधान नहीं बोल पाए थे 'संसूचित'
यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री मंडल विस्तार के बाद शपथ ग्रहण के दौरान धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) भी गलत उच्चारण के कारण हंसी का पात्र बने थे. दरअसल धर्मेंद्र प्रधान 'संसूचित' शब्द का सही उच्चारण नहीं कर सके थे, तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें टोका था. साथ ही उनसे दोबारा सही शब्द बोलने को कहा था. इस लिहाज से देखें तो राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भाषा खासकर उसके सही उच्चारण को लेकर खासे सतर्क रहते हैं और गलती करने पर किसी को बख्शते नहीं हैं.

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ममता ने 'गॉड' की बजाय 'ईश्वर और अल्लाह' कहा था
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद की दूसरी बार शपथ लेते हुए ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने भी गलत शब्द बोलकर बर्र के छत्ते को छेड़ दिया था. ममता बनर्जी को 'गॉड' (God) के नाम पर शपथ लेनी थी, लेकिन इसके बजाय उन्होंने 'ईश्वर और अल्लाह' के नाम पर शपथ ली थी. इसके बाद बंगाल समेत देश भर में इस पर बहस छिड़ गई कि संविधान पंथनिरपेक्षता की बात करता है. ऐसे में निर्वाचित मुख्यमंत्री 'ईश्वर और अल्लाह' के नाम पर शपथ कैसे ले सकता है.

इमरान खान ने तो हद ही कर दी
ऐसा नहीं है कि शपथ के दौरान ऐसी गल्तियां सिर्फ भारत में ही होती हैं. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में तो अर्थ का अनर्थ ही कर दिया था. राष्ट्रपति ममनून हुसैन इमरान खान (Imran Khan) को पीएम पद की गोपनीयता की शपथ दिला रहे थे. उस दौरान उन्होंने 'रोज-ए-कयामत' का जिक्र किया था, लेकिन इमरान खान 'रोज-ए-कियादत' बोल गए. इसके बाद ऑक्सफोर्ड में हुई उनकी पढ़ाई-लिखाई का जमकर मजाक उड़ा था.

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अफ्रीका को बता चुके हैं देश
नेताओं की जुबान फिसलने के तो अनगिनत मामले सामने आए हैं. पाकिस्तान में क्रिकेटर से नेता बन प्रधानमंत्री बनने वाले इमरान खान अफ्रीका (Africa) को देश करार दे चुके हैं, जबकि अफ्रीका वास्तव में महाद्वीप (Continent) है. इसी तरह एक अन्य घटना में वह जर्मनी और जापान की साझी सीमा का जिक्र कर चुके हैं. माना जाता है कि उन्हें कहना जर्मनी और फ्रांस था, लेकिन वह जापान और जर्मनी कह गए थे.

राहुल गांधी ने जब पीएम मोदी को भेजा 'बार'
भारत की ऐसी घटनाओं पर बात करें तो लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक ऐसी टिप्पणी कर बैठे कि पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा था. यहां तक कि खुद पीएम भी हंसने से खुद को रोक नहीं सके थे. राहुल गांधी तब बोले थे, 'प्रधानमंत्रीजी 'बार' में जाते हैं...बाहर जाते हैं. मेरा मतलब विदेश जाते हैं.' हाल के दौर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश यादव, नवजोत सिंह सिद्धू जुबान फिसलने से मजाक का शिकार हो चुके हैं.