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नीति आयोग की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का किया जिक्र

दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 7वीं बैठक हुई. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई राज्यों के सीएम शामिल हुए.

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Deepak Pandey
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम भूपेश बघेल( Photo Credit : फाइल फोटो)

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दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक ऑडिटोरियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 7वीं बैठक हुई. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई राज्यों के सीएम शामिल हुए. मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में राज्य की योजनाओं के मद्देनजर अपनी बात रखी है. प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का जिक्र भी किया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है. उन्होंने कहा कि ये किसानों के हित में अच्छी योजना है.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है, लेकिन राज्य में संसाधनों की समस्याएं अभी भी हैं, जिनका समाधान होना चाहिए. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है. फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू करने के साथ ही छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन का गठित किया गया है.  

बघेल ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण और दलहल, तिलहन की उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए नए विकसित फसल किस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट और ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के जरिए से उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गई है. वहीं, नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है. उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के करीब ग्रामीण क्षेत्रों और 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाए.

जीएसटी से राजस्व को हानि का मुद्दा 

सीएम भूपेश बघेल ने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है. आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गई है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के बाद भी आगामी 5 वर्षों के लिए जारी रखा जाए.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केंद्रीय बजट में छतीसगढ़ को केंद्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं, जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव की स्थिति सामने आई है. केंद्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाए.

बैठक में कोल का उठा मुद्दा 

मुख्यमंत्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें हैं. रॉयल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित आवश्यक है. बघेल ने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया.

बघेल ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा किया जाना चाहिए. नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा खर्च 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए. मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी जिलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया है. इसके साथ ही उन्होंने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित दूसरे लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया है.

Source : MOHIT RAJ DUBEY

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