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जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे चुनाव और परिसीमन, जानें नेताओं की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक कर दिल्ली और दिलों की दूरी कम करने पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे.

Updated on: 24 Jun 2021, 10:56 PM

highlights

  • महबूबा मुफ्ती ने की धारा 370 की बहाली, राज्य का दर्जा देने की मांग
  • पीएम मोदी सकारात्मक बात हुई, सभी गिले-शिकवे दूर हुए
  • शांतिपूर्ण चुनाव और पूर्ण राज्य की बहाली में महत्वपूर्ण मील का पत्थर

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बैठक कर दिल्ली और दिलों की दूरी कम करने पर जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा बहाली का संसद में किया गया वादा आगे अनुकूल समय आने पर पूरा किया जाएगा, लेकिन इसके लिए पहले परिसीमन और शांतिपूर्ण चुनाव प्रक्रिया जरूरी है. प्रधानमंत्री आवास पर सायं तीन बजे से शुरू हुई बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली. प्रधानमंत्री ने बैठक में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से पेश किए गए विचारों के लिए प्रशंसा की. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकास पर जोर दिया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों की तरफ शांतिपूर्वक विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है. बैठक में चर्चा हुई कि परिसीमन के बाद शीघ्र विधानसभा चुनाव होंगे. बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने भी यही इच्छा जताई.

महबूबा मुफ्ती ने की धारा 370 की बहाली, राज्य का दर्जा देने की मांग
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को घाटी में संवैधानिक और कानूनी रूप से राज्य का दर्जा और अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से बाहर आते हुए, उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अनुच्छेद 370 को असंवैधानिक रूप से और स्थानीय सरकार को विश्वास में लिए बिना निरस्त किया गया था. उन्होंने कहा, यह अवैध रूप से किया गया था. यह बीजेपी का 70 साल पुराना एजेंडा था और उन्होंने इसे पूरा किया. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को भी पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने संघर्ष विराम उल्लंघन को रोकने के लिए ऐसा किया था. उन्होंने कहा, सरकार को सीमा पर कारोबार शुरू करने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए.

एक मीटिंग से नहीं घटेगी दिल्ली और दिल की दूरी : उमर अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, हमने प्रधानमंत्री के सामने कहा कि 5 अगस्त 2019 को जो फैसला किया गया हम उसके साथ नहीं हैं. हम उस फैसले से समहत नहीं हैं. हम उसे कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन उस फैसले की मुखालफत में हम कानून को हाथ में लेने के लिए भी तैयार नहीं हैं. इस मुल्क से संविधान की तरफ से हमें जो इजाजत दी जाती है, अदालत का इस्तेमाल करने की, हम अदालत जाकर इस फैसले के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ेंगे

पीएम मोदी सकारात्मक बात हुई, सभी गिले-शिकवे दूर हुए
बैठक खत्म होने के बाद कश्मीर के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि पीएम मोदी सकारात्मक बात हुई, सभी गिले-शिकवे दूर हुए. पीएम मोदी ने सभी नेताओं की बात सुनी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम वक्त आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज देंगे. सबसे पहली प्राथमिकता चुनाव करना है. लोकतंत्र को बहाल करना है.

शांतिपूर्ण चुनाव और पूर्ण राज्य की बहाली में महत्वपूर्ण मील का पत्थर

बैठक के खत्म होने के बाद अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई. सभी ने संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया. हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को लेकर कटिबद्ध हैं.

कश्मीर पर PM की बैठक में कांग्रेस ने रखी 5 बड़ी मांगें
बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया. मीडिया से बातचीत में बताया कि कांग्रेस ने सरकार के सामने पांच मांगे रखी हैं. आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने पर उनसे कोई सहमति नहीं ली थी.