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पीएम नरेंद्र मोदी जल्‍द कर सकते हैं मंत्रिपरिषद का विस्‍तार, कई मंत्रियों का भार कम होगा

मीटिंग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ठीक साढ़े दस बजे पहुंच गए थे. उससे पहले ही सभी सीनियर से जूनियर मिनिस्टर प्रवासी भारतीय केंद्र पर मुस्तैद रहे.

Updated on: 24 Dec 2019, 07:27 AM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को यहां चाणक्यपुरी स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में सभी 56 मंत्रालयों की मैराथन समीक्षा बैठक की. मोदी सरकार (Modi Sarkar) की यह दूसरी काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स (Council Of Ministers) की बैठक सुबह साढ़े दस बजे से शुरू होकर शाम करीब साढ़े छह बजे तक चली. इतनी लंबी बैठक चलने को लेकर एक वरिष्ठ अफसर ने आईएनएस से कहा, "अगर 56 मंत्रालय हैं और एक मंत्रालय के प्रजेंटेशन के लिए दस मिनट जोड़ें तो कुल 560 मिनट यानी नौ घंटे चाहिए. इसमें लंच का भी समय है, ऐसे में सात- आठ घंटे कम से कम बैठक तो होनी ही थी. नहीं तो इतने मंत्रालयों की समीक्षा संभव ही नहीं थी." बताया जा रहा है कि जल्‍द ही पीएम नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिपरिषद का विस्‍तार कर सकते हैं.

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माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक के बाद जहां कई बड़े विभाग ढो रहे कुछ मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है, वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को हटाने के साथ विभाग बदले भी जा सकते हैं. अभी मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं. नियम है कि लोकसभा की कुल संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 81 मंत्री हो सकते हैं. पिछली सरकार में 70 मंत्री थे. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कम से कम एक दर्जन मंत्रियों की जगह खाली है. एनडीए के सहयोगी दल मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं. विस्तार होने पर बिहार से जदयू, यूपी से अपना दल, तमिलनाडु से एआईएडीएमके को भी जगह मिल सकती है.

मीटिंग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ठीक साढ़े दस बजे पहुंच गए थे. उससे पहले ही सभी सीनियर से जूनियर मिनिस्टर प्रवासी भारतीय केंद्र पर मुस्तैद रहे. सूत्रों ने बताया कि इस समीक्षा बैठक के लिए एक समान प्रकृति वाले यानी एक दूसरे से संबंध वाले मंत्रालयों को एक-एक ग्रुप में रखा गया था.

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मसलन, कृषि मंत्रालय, ग्रामीण विकास, जल शक्ति खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय को एक ही समूह में रखा गया था. इसी तरह सुरक्षा से जुड़े गृह और रक्षा मंत्रालय, आर्थिक मामलों से जुड़े वित्त, कॉमर्स को दूसरे ग्रुप में, लेबर और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को एक ग्रुप में रखा गया था. ऐसे ही एक दूसरे से जुड़े विभागों को एक ही ग्रुप में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा की.

इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले मंत्रियों को उनका दायित्व समझाते हुए कहा कि दूसरी बार भी अगर जनता ने सिर आंखों पर बैठाया है तो डिलीवरी करने के लिए. हर फाइल समय पर हर पटल से चलनी चाहिए. काम की ऱफ्तार और तेज करनी होगी. उन्होंने सभी विभागों से जहां पिछले छह महीनों के काम का हिसाब लिया, वहीं आगे का फ्यूचर प्लॉन भी पूछा. देश में छाई आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए मंत्रियों से सुझाव लिए गए, अगले साल के बजट के लिए भी मंत्रालयों से पीएम मोदी ने सुझाव लिया.

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सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक कुछ बिंदुओं पर आधारित रही. मसलन, अब तक छह महीने में मंत्रालयों ने क्या किया, खासतौर से प्राथमिकता वाले कार्यक्रम कितने परवान चढ़े? मिशन 2022 को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति जानने में पीएम मोदी ने ज्यादा जोर दिया. किसानों की आमदनी दोगुनी करने, हर घर को नल का जल, बेघरों को आवास, आयुष्मान भारत, पशुओं को टीकाकरण आदि योजनाओं की समीक्षा की. इसके अलावा अगले छह महीने के लिए क्या नया करेंगे, इसकी भी जानकारी ली.