पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने जनता से किए 7 आग्रह, कांग्रेस (Congress) ने दागे 7 सवाल

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लोगों से 7 आग्रह किए. अब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि देश लॉकडाउन के पक्ष में है, लेकिन सरकार सिर्फ देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करे.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लोगों से 7 आग्रह किए. अब कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि देश लॉकडाउन के पक्ष में है, लेकिन सरकार सिर्फ देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करे.

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Sunil Mishra
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पीएम नरेंद्र मोदी ने जनता से किए 7 आग्रह, कांग्रेस ने दागे 7 सवाल( Photo Credit : FILE PHOTO)

कोरोना वायरस (Corona Virus) से मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से 3 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ाने का ऐलान किया गया है. अपने संबोधन में पीएम मोदी (PM Modi) ने लोगों से 7 आग्रह किए. अब उनके 7 आग्रहों को लेकर कांग्रेस की ओर से हमला किया गया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने कहा है कि देश लॉकडाउन के पक्ष में है, लेकिन सरकार सिर्फ देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाने के बजाय अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करे.

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मनीष तिवारी ने भी कहा कि लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले का हम समर्थन करते हैं. लेकिन कुछ और भी बातें थी, जिनके बारे में प्रधानमंत्री जी से मुल्क अपेक्षा करता था. मनीष तिवारी ने पूछा- जिन लोगों को अभी क्वारनटीन में रखा गया है, उनकी समयसीमा खत्म हो रही तो उन्हें वापस घर पहुंचाने की क्या व्‍यवस्‍था है. उनमें से जो लोग पॉजिटिव नहीं हैं, उन्हें स्क्रीनिंग करवाकर कैसे घर भेजा जाएगा. मनीष तिवारी ने टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाने, किसानों को राहत पहुंचाने और मजदूरों को आर्थिक मदद देने की भी बात कही. कांग्रेस नेता ने गरीबों को राशन देने की व्यवस्था करने की भी अपील की. इसी के साथ कांग्रेस ने मोदी सरकार से 7 तीखे सवाल पूछे हैं और जवाब भी मांगा है :

  1. कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है- टेस्टिंग. 1 फरवरी से 13 अप्रैल, 2020 तक, यानी 72 दिनों में देश में केवल 2,17,554 कोरोना टेस्ट हुए. औसत 3,021 टेस्ट प्रतिदिन है, टेस्ट कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है?
  2. डॉक्टर-नर्स-स्वास्थ्यकर्मी-पुलिसकर्मी-सफ़ाई कर्मी कोरोना के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं. इनके लिए एन-95 मास्क और पीपीई की ज़बरदस्त कमी है. इस मसले पर आपकी चुप्पी क्यों? यह सुरक्षा कवच कब उपलब्ध होगा?
  3. पलायन कर चुके करोड़ों मजदूर रोटी के संकट से जूझ रहे हैं. इस संवेदनशील व मानवीय मसले पर आपका एक्शन प्लान क्या है?
  4. लाखों एकड़ गेहूं-रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, लेकिन इंतजाम क्यों नहीं हैं? समय पर कटाई और MSP पर फसल ख़रीद सुनिश्चित करने को लेकर आप चुप क्यों हैं? देश का अन्नदाता और खेती आपकी प्राथमिकता सूची से बाहर क्यों है?
  5. कोरोना से पहले ही देश का युवा अभूतपूर्व बेरोजगारी से जूझ रहा था. अब बेरोज़गारी-छंटनी-नौकरियां जाने की दर विकराल रूप ले रही है. आपकी ‘कोविड-19 इकनॉमिक रिकवरी टास्क फ़ोर्स’ कहां गायब है? करोड़ों युवा कहां जाएं?
  6. देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़- दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग- आज चौपट होने की कगार पर हैं. खेती के बाद सबसे अधिक रोज़गार इन्हीं क्षेत्रों में है. इन्हें वापस पटरी पर लाने व आर्थिक मदद के बारे आपकी क्या एक्शन प्लान है?
  7. पूरी दुनिया ने कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट से पार पाने हेतु करोड़ों-अरबों रुपये के आर्थिक पैकेज लागू किए. इस सूची में आपकी सरकार आख़िरी पायदान पर क्यों खड़ी है? नीयत और नीति की ये कमी देश को भारी पड़ रही है.
      
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