समर्पण दिवस: हमें गर्व है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं: पीएम मोदी
भारतीय जन संघ के सह-संस्थापक पंडित दीन दयान उपाध्याय की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के सांसदों को संबोधित कर रहे हैं. बता दें कि पीएम मोदी दीन दयान उपाध्याय की पुण्यतिथि को समर्पण दिवस के रूप में मना रही है.
नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (पूर्व में भारतीय जनसंघ पार्टी) के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय (Pandit Deendayal Upadhyaya) की आज (11 फरवरी) पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) जिले में हुआ था. वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चिन्तक और संगठनकर्ता थे. भारतीय जनसंघ पार्टी (Bharatiya Jana Sangh) की स्थापना साल 1951 में हुई थी. अपने राजनीतिक सफर में वे भारतीय जनसंघ पार्टी के अध्यक्ष भी रहे. सनातन विचारधारा से संबंध रखने वाले दीन दयाल सशक्त भारत का सपना देखते थे. भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर देशभर में 11 फरवरी को 'समर्पण दिवस' (Samarpan Diwas) के रूप में मना रही है.
आप संसद के संसाधनों का प्रयोग करें, और भी जैसी रुचि हो उस विषयों से भी जुड़ें. दीनदयाल जी को पढ़ने समझने के लिए भी आप समय निकालें. इसी तरह, आप बाबा साहब अंबेडकर को, श्यामा प्रसाद मुखर्जी को, नेता जी सुभाष चंद्र बोस को, इन सबको जरूर पढ़ें- पीएम मोदी
हमें अपने विचारों को व्यापक बनाने का प्रयास भी लगातार करना चाहिए. इसके लिए दीनदयाल जी हमेशा अध्ययन पर विशेष जोर देते थे. आप सभी अध्ययन के लिए जरूर समय निकालें- पीएम मोदी
अलग अलग क्षेत्रों से ऐसे लोगों को भाजपा से जोड़ना यह भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. हमारे संगठन के quantitative और qualitative विस्तार का भी यह अवसर है- पीएम मोदी
इसलिये एक संगठन के रूप में हमारे सामने अवसर है की इस प्रक्रिया में हमें ऐसे कई नए लोग खासकर युवा साथी मिलेंगे जिनके स्वभाव में देश के लिए कुछ करना, देशवासियों के प्रति प्रेम, यह सब सहज रूप से होगा- पीएम मोदी
एक राष्ट्र जब किसी लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ता है तो उस लक्ष्य के प्राप्ति की जो प्रक्रिया है उसमें व्यक्ति निर्माण का कार्य होता है. उस लक्ष्य के प्रति उत्साहित, समर्पित-संकल्पित लोग देश के लिये तो मूल्यवान होते ही है वो किसी भी संगठन के लिए भी उतने ही मूल्यवान होते है- पीएम मोदी
ऐसी प्रेरक व्यक्तित्व, ऐसे प्रेरक विचार, ऐसी परंपरा की विरासत जब हमारे पास है तो हमें राष्ट्र सेवा के हमारे संकल्प से कोई विचलित नहीं कर सकता है कोई विमुख नहीं कर सकता है- पीएम मोदी
आत्मनिर्भर भारत को लेकर आज पूरे देश में एक चेतना जगी है. मैं आपसे आग्रह करूंगा कि पार्टी की देश, राज्यों, जिले, पोलिंग बूथ की हर एक ईकाई आजादी के 75 साल निमित्त कम से कम 75 ऐसे कोई न कोई काम करेंगे जिससे देश के सामान्य मानवी से जुड़ सकें- पीएम मोदी
टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल आपको अपने क्षेत्र के लोगों से कनेक्ट करने में बहुत मदद कर सकता है. इसके लिए एक अहम माध्यम नमो एप भी है. नमो एप पर जो Tools हैं, वो आपको जनता जनार्दन से संवाद में सहायता कर सकते हैं.
इसकी अच्छी एक बड़ी ताकत ये है कि ये Two-Way Communication का भी बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है. आप लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं और लोग भी उतनी आसानी से अपनी बात आप तक पहुंचा सकते हैं- पीएम मोदी
पहले कितनी ही योजनाओं का पैसा गरीब तक पहुंच ही नहीं पा रहा था, आज उसके हक का वही पैसा सीधे उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किय जा रहा है- पीएम मोदी
राजनीतिक अस्पृश्यता का विचार हमारा संस्कार नहीं है. आज देश भी इस विचार को अस्वीकार कर चुका है. हमारी पार्टी में वंशवाद को नहीं कार्यकर्ता को महत्व दिया जाता है.
हमारी पार्टी, हमारी सरकार आज महात्मा गांधी के उन सिद्धांतों पर चल रही है जो हमें प्रेम और करुणा के पाठ पढ़ाते हैं. हमने बापू की 150वीं जन्मजयंती भी मनाई और उनके आदर्शों को अपनी राजनीति में, अपने जीवन में भी उतारा है- पीएम मोदी
राज्यों का विभाजन जैसा काम राजनीति में कितने रिस्क का काम समझा जाता था. इसके उदाहरण भी हैं अगर कोई नया राज्य बना तो देश में कैसे हालत बन जाते थे. लेकिन जब भाजपा की सरकारों ने 3 नए राज्य बनाए तो हर कोई हमारे तौर तरीकों में दीनदयाल जी के संस्कारों का प्रभाव स्पष्ट देख सकता है.
उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का निर्माण हुआ झारखंड बिहार से बनाया गया और छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग आकार दिया गया, लेकिन उस समय हर राज्य में उत्सव का माहौल था- पीएम मोदी
देश में नए जनजाति कार्य मंत्रालय का गठन भाजपा की ही सरकार में हुआ है. ये भाजपा सरकार की ही देन है कि पिछड़ा आयोग को देश में संवैधानिक दर्जा मिल सका है. और ये भाजपा की सरकार है जिसने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को भी आरक्षण देने का काम किया है- पीएम मोदी
हमारी पार्टी ने अपनी सरकारों में ऐसी कितनी ही उपलब्धियां हासिल की हैं जिन पर आपको गर्व होगा, आने वाली पीढ़ियों को गर्व होगा. जो निर्णय देश में बहुत कठिन माने जाते थे, राजनीतिक रूप से मुश्किल माने जाते थे, हमने वो निर्णय लिए, और सबको साथ लेकर लिए- पीएम मोदी
ये हमारी विचार धारा है कि हमें राजनीति का पाठ, राष्ट्र नीति की भाषा में पढ़ाया जाता है. हमारी राजनीति में भी राष्ट्र नीति सर्वोपरि है- पीएम मोदी
हमें गर्व होता है कि हम अपने महापुरुषों के सपनों को पूरा कर रहे हैं. हमें गर्व है कि हमारी विचारधारा देशभक्ति को ही अपना सब कुछ मानती है. हमारी विचारधारा राष्ट्र प्रथम, nation first की बात करती है- पीएम मोदी
आज जब देश में इतने सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं, पूरी दुनिया में भारत का कद बढ़ रहा है, तो कौन भारतीय होगा जिसका सीना चौड़ा न होता होगा. आज विश्व भर में फैला हुआ भारतीय समुदाय जिस गर्व के साथ जी रहा है उसका कारण भारत में हो रही गतिविधि है- पीएम मोदी
लोकल इकॉनमी पर विजन इस बात का प्रमाण है कि उस दौर में भी उनकी सोच कितनी practical और व्यापक थी. आज ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र से देश इसी विजन को साकार कर रहा है. आज आत्मनिर्भर भारत अभियान देश के गांव-गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के भविष्य निर्माण का माध्यम बन रहा है- पीएम मोदी
हथियार के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से अगर भारत की ताकत और अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, तो विचार की आत्मनिर्भरता से भारत आज दुनिया के कई क्षेत्रों में नेतृत्व दे रहा है. आज भारत की विदेश नीति दबाव और प्रभाव से मुक्त होकर, राष्ट्र प्रथम के नियम से चल रही है- पीएम मोदी
कोरोनाकाल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा, और अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की. आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया, पूरी दुनिया को दवाएं पहुंचाईं, और आज वैक्सीन पहुंचा रहा है- पीएम मोदी
एकात्म मानव दर्शन के विशेषरूप- व्यष्टि से समष्टी की यात्रा व्यकत होती है. स्वार्थ से परमार्थ की यात्रा स्पष्ट होता है. मैं नहीं, तू ही का संकल्प भी सिद्ध होता है- पीएम मोदी
दीनदयाल उपाध्याय जी भी यही कहते थे. उन्होंने लिखा था- “एक सबल राष्ट्र ही विश्व को योगदान दे सकता है.” यही संकल्प आज आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा है. इसी आदर्श को लेकर ही देश आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है- पीएम मोदी
हमारे शास्त्रों में कहा गया है- “स्वदेशो भुवनम् त्रयम्” अर्थात, अपना देश ही हमारे लिए सब कुछ है, तीनों लोकों के बराबर है. जब हमारा देश समर्थ होगा, तभी तो हम दुनिया की सेवा कर पाएंगे. एकात्म मानव दर्शन को सार्थक कर पाएंगे- पीएम मोदी
सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं.
एक ओर वो भारतीय राजनीति में एक नए विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, वहीं दूसरी ओर, वो हर एक पार्टी, हर एक विचारधारा के नेताओं के साथ भी उतने ही सहज रहते थे. हर किसी से उनके आत्मीय संबंध थे- पीएम मोदी
हमारे यहां कहा जाता है- “स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते” अर्थात, सत्ता की ताकत से आपको सीमित सम्मान ही मिल सकता है. जहां सत्ता की ताकत प्रभावी होगी वहीं सम्मान मिलेगा. लेकिन विद्वान का सम्मान हर जगह होता है. दीनदयाल जी इस विचार के साक्षात उदाहरण हैं- पीएम मोदी
एकात्म मानव दर्शन का उनका विचार मानव मात्र के लिए था. इसलिए, जहां भी मानवता की सेवा का प्रश्न होगा, मानवता के कल्याण की बात होगी, दीनदयाल जी का एकात्म मानव दर्शन प्रासंगिक रहेगा- पीएम मोदी
मेरा अनुभव है और आपने भी महसूस किया होगा कि हम जैसे जैसे दीनदयाल जी के बारे में सोचते हैं, बोलते हैं, सुनते हैं, उनके विचारों में हमें हर बार एक नवीनता का अनुभव होता है- पीएम मोदी
आप सभी ने दीनदयाल जी को पढ़ा भी है और उन्हीं के आदर्शों से अपने जीवन को गढ़ा भी है. इसलिए आप सब उनके विचारों से और उनके समर्पण से भलीभांति परिचित हैं- पीएम मोदी
आज हम सब दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर अनेक चरणों मे अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए हैं. पहले भी अनेक अवसरों पर हमें दीनदयाल जी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने, विचार रखने और आने वरिष्ठ जनों के विचार सुनने का अवसर मिलता रहा है- पीएम मोदी
पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर मनाए जा रहे समर्पण दिवस पर पीएम मोदी देशभर के बीजेपी सांसदों को संबोधित कर रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर देशभर में 11 फरवरी को 'समर्पण दिवस' (Samarpan Diwas) के रूप में मना रही है.
भारतीय जनसंघ पार्टी की स्थापना साल 1951 में हुई थी. अपने राजनीतिक सफर में वे भारतीय जनसंघ पार्टी के अध्यक्ष भी रहे.
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में हुआ था.
भारतीय जनता पार्टी (पूर्व में भारतीय जनसंघ पार्टी) के सह-संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज (11 फरवरी) पुण्यतिथि है.
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