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जिन्होंने 72000 रुपये देने के वादे किए थे, वे 72 सीटें भी नहीं जीत पाए : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि 17वीं लोकसभा का प्रथम सत्र ने रिकॉर्ड बनाया है. यह 1952 से लेकर अबतक का सबसे फलदायी सत्र रहा है.

Updated on: 14 Aug 2019, 06:26 PM

highlights

  • सरकार के 75 दिन पर पीएम का इंटरव्यू
  • अच्छे कामों के वजह से हुई सरकार की जोरदार वापसी
  • पिछले पांच सालों में हुए सैकड़ों सुधार

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 75वें दिन आईएएनएस के साथ मुस्कराते हुए मुलाकात की. प्रधानमंत्री ने विवादास्पद अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को जिस व्यवस्थित और निर्बाध तरीके से सफलतापूर्वक हटाया, उससे न केवल पाकिस्तान की आंखें चौंधिया गईं, बल्कि वह भौचक्क-सा रह गया. प्रधानमंत्री ने कश्मीर और अपनी सरकार के 75 महत्वपूर्ण दिनों के बारे में आईएएनएस के साथ विस्तार से बातचीत की. आम तौर पर प्रत्येक सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड 100 दिनों पर सामने रखती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 75 दिनों पर ही अपना रिपोर्ट कार्ड सामने पेश किया है.

आईएएनएस ने प्रधानमंत्री से बातचीत की शुरुआत कुछ इस प्रकार की कि आखिर उनका दूसरा कार्यकाल किस तरह से अलग है? प्रधानमंत्री ने सीधा-सा जवाब दिया, "हमने अपनी सरकार बनने के चंद दिनों के भीतर ही एक अभूतपूर्व रफ्तार तय कर दी. हमने जो हासिल किया है, वह स्पष्ट नीति, सही दिशा का परिणाम है. हमारी सरकार के प्रथम 75 दिनों में ही ढेर सारी चीजें हुई हैं. बच्चों की सुरक्षा से लेकर चंद्रयान-2, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से लेकर मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी बुराई से मुक्ति दिलाना, कश्मीर से लेकर किसान तक हमने वह सबकुछ कर के दिखाया है, जो एक स्पष्ट बहुमत वाली दृढ़संकल्पित सरकार हासिल कर सकती है. हमने जल आपूर्ति सुधारने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के एकीकृत दृष्टिकोण और एक मिशन मोड के लिए जलशक्ति मंत्रालय के गठन के साथ हमारे समय के सर्वाधिक जरूरी मुद्दे को सुलझाने के साथ शुरुआत की."

क्या इस तेज रफ्तार की वजह पहले कार्यकाल से अधिक बहुमत के साथ सत्ता में लौटना तो नहीं है? क्या वह इस बात को लेकर सजग हैं कि जिन लोगों ने उन्हें इतना बड़ा बहुमत दिया है, उन्हें एक संदेश देना आवश्यक है कि अगले पांच साल में क्या होने वाला है? प्रधानमंत्री ने इस बात को स्वीकार किया, और कहा, "एक तरह से, सरकार की जिस तरह जोरदार तरीके से सत्ता में वापसी हुई है, उसका भी यह परिणाम है. हमने इन 75 दिनों में जो हासिल किया है, वह उस मजबूत बुनिया का परिणाम भी है, जिसे हमने पिछले पांच साल के कार्याकाल में बनाए थे. पिछले पांच सालों में किए गए सैकड़ों सुधारों की वजह से देश आज इस गति से आगे बढ़ने के लिए तैयार है, इसमें जनता की आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं. यह सिर्फ सरकार के कारण नहीं, बल्कि संसद में मजबूती की वजह से भी हुआ है."

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 17वीं लोकसभा का प्रथम सत्र ने रिकॉर्ड बनाया है. यह 1952 से लेकर अबतक का सबसे फलदायी सत्र रहा है. "मेरी नजर में यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, बल्कि बेहतरी का एक ऐतिहासिक मोड़ है, जिसने संसद को जनता की जरूरतों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया है. कई ऐतिहासिक पहले शुरू की गई, जिसमें किसानों और व्यापारियों के लिए पेंशन योजना, मेडिकल सेक्टर का रिफॉर्म, दिवाला एवं दिवालियापन संहिता में महत्वपूर्ण संशोधन, श्रम सुधार की शुरुआत..मैं लगातार आगे बढ़ता रहा. कोई समय की बर्बादी नहीं, कोई लंबा सोच-विचार नहीं, बल्कि कार्यान्वयन और साहसी निर्णय लेना, कश्मीर से बड़ा कोई निर्णय नहीं हो सकता."

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