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Pariksha Pe Charcha: PM मोदी बोले-हर परिवार के लिए बेटी बनी शक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से बातचीत में कहा कि वो जीवन के अनुभव को महसूस करें. वो अपने ऊपर भरोसा रखें. परीक्षा तो महज जीवन यात्रा का एक पड़ाव मात्र है. आप लोग परीक्षा के दबाव में न आएं. आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उस पर भरोसा रखें.

Updated on: 01 Apr 2022, 01:32 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी कर रहे परीक्षा पर चर्चा
  • दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन
  • एक हजार बच्चों की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा' कर रहे हैं. ये पांचवां मौका है, जब प्रधानमंत्री छात्रों से मुखातिब हुए हैं. उन्होंने छात्रों के लिए किताब भी लिखी है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक हजार से अधिक छात्रों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बच्चों को जीवन का पाठ पढ़ा रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी को भी देखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की, साथ ही उन्हें ये नसीहत भी दी है कि उन्हें किसी दबाव में नहीं आना है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समाज बेटियों के सामर्थ्य को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता. मैंने ऐसी कई बेटियां देखीं, जिन्होंने मां-बाप के सुख और उनके बुढ़ापे की चिंता के लिए खुद ने शादी नहीं की और मां-बाप की सेवा में जिंदगी खपा दी. जो बेटा नहीं कर सकता वो बेटियों ने किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा-खुद पर विश्वास रखें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों से बातचीत में कहा कि वो जीवन के अनुभव को महसूस करें. वो अपने ऊपर भरोसा रखें. परीक्षा तो महज जीवन यात्रा का एक पड़ाव मात्र है. आप लोग परीक्षा के दबाव में न आएं. आपने जो कुछ भी पढ़ा है, उस पर भरोसा रखें. उन्होंने अनुभव को ताकत बनाने की बात कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है. हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं. इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं. पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं. जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने इन अनुभवों को जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा मत मानिए. दूसरा आपके मन में जो पैनिक होता है, उसके लिए मेरा आपसे आग्रह है कि आप किसी दबाव में मत रहिए. जितनी सहज दिनचर्या आपकी रहती है, उसी सहज दिनचर्या में आप अपने आने वाले परीक्षा के समय को भी बिताइए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं या रील देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है. क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लास में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा. मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम डिजिटल गैजेट के माध्यम से बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं. हमें इसे एक अवसर मानना चाहिए, न कि समस्या. हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऑनलाइन पढ़ाई को एक रिवॉर्ड के रूप में अपने टाइमटेबल में रख सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऑनलाइन पाने के लिए है और ऑफलाइन बनने के लिए है। मुझे कितना ज्ञान अर्जित करना है मैं अपने मोबाइल फोन पर ले आऊंगा, जो मैंने वहां पाया है ऑफलाइन में मैं उसे पनपने का अवसर दूंगा. ऑनलाइन का अपना आधार मजबूत करने के लिए उपयोग करें और ऑफलाइन में जाकर उसे साकार करना है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार कुछ भी करे तो कहीं न कहीं से तो विरोध का स्वर उठता ही है. लेकिन मेरे लिए खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है. इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं.

बिना खेले कोई खिल नहीं सकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेले बिना कोई खिल नहीं सकता. अपने प्रतिद्वंदी की चुनौतियों का सामना करना हम सीखते हैं. किताबों में जो हम पढ़ते हैं, उसे आसानी से खेल के मैदान से सीखा जा सकता है. हालांकि, अभी तक खेलकूद को शिक्षा से अलग रखा गया. मगर अब बदलाव आ रहा है और जल्‍द और बदलाव आने को तैयार है. प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या हम 20वीं सदी की सोच, नीति, व्यवस्था से 21वीं सदी में आगे बढ़ सकते हैं? हमें 21वीं सदी के अनुकूल अपनी सारी नीतियों, व्यवस्थाओं को ढालना चाहिए. अगर हम अपने आपको विकसित नहीं करेंगे तो हम ठहर जाएंगे और पिछड़ जाएंगे.

वर्तमान को जीनें की कोशिश करें

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खुद को जानना बहुत जरूरी है. उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें. फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं. आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि ध्यान बहुत सरल है. आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए. अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है. ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है. जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है.

खुद को योग्य बनाने के लिए करें मेहनत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं नहीं मानता कि हमें परीक्षा के लिए पढ़ना चाहिए, गलती वहीं हो जाती है. मैं इस परीक्षा के लिए पढूंगा, फिर मैं उस परीक्षा के लिए पढूंगा. इसका मतलब हुआ कि आप पढ़ नहीं रहे हैं, आप उन जड़ी-बूटियों को खोज रहे हैं जो आपका काम आसान कर दें. उन्होंने कहा कि अगर आपने अपनी शिक्षा को पूर्ण रूप से आत्मसात किया है तो परीक्षा का रूप रूकावट नहीं बनता है. इसलिए अपने आप को परीक्षा के लिए तैयार करने में दिमाग खपाने की बजाए, खुद को योग्य, शिक्षित व्यक्ति बनाने के लिए, विषय का मास्टर बनने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए.

हर परिवार के लिए बेटी बनी शक्ति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हर परिवार के लिए बेटी बहुत बड़ी शक्ति बन गई हैं. ये बदलाव बहुत अच्छा है. ये बदलाव जितना ज्यादा होगा, उतना लाभ होगा. आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो आज हिंदुस्तान के पार्लियामेंट में अब तक के कालखंड की सबसे ज्यादा महिला सांसद हैं. पीएम मोदी ने कहा कि समाज बेटियों के सामर्थ्य को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता. मैंने ऐसी कई बेटियां देखीं, जिन्होंने मां-बाप के सुख और उनके बुढ़ापे की चिंता के लिए खुद ने शादी नहीं की और मां-बाप की सेवा में जिंदगी खपा दी. जो बेटा नहीं कर सकता वो बेटियों ने किया है.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तालकटोरा स्टेडियम में किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पे चर्चा के 5वें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से बात करने तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया.

परीक्षा पे चर्चा से जुड़े गुजरात के 55 लाख छात्र 

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन 2 साल बाद दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 बार बच्चों के साथ परीक्षा पे चर्चा कर चुके हैं, जिससे लाखों छात्रों को सकारात्मक प्रेरणा मिली है.