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पानी बचाने के लिए भारत के साथ आए पूरी दुनिया, ग्रेटर नोएडा में बोले प्रधानमंत्री मोदी

जंगलों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 2015-2017 के बीच भारत में जंगल के इलाके में वृद्धि हुई है

Updated on: 09 Sep 2019, 01:05 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी सोमवार को ग्रेटर नोएडा एक्सपोमार्ट पहुंचे हैं. वह यहां आयोजित कॉप 14 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा, भारत के संस्कारों में धरती पवित्र है. हर सुबह पैर रखने से पहले हम इससे माफी मांगते हैं. पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने वाले 196 देशों का स्वागत भी किया. पीएम मोदी ने कहा, आज क्लाइमेट चेंज के मसले पर पूरी दुनिया को नकारातमक सोच का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से समुद्रों का जल स्तर बढ़ रहा है, बारिश, बाढ़ और तूफान हर जगह इसका असर देखने को मिल रहा है.

पीएम मोदी ने कहा, आज दुनिया में पानी की समस्या भी काफी बढ़ गई है. दुनिया को जल संरक्षण के लिए एक साथ आना होगा. इसके लिए एक सेमिनार किया जाना चाहिए, जहां जल की समस्या से जुड़ी परेशानियों का हल निकाला जा सके. भारत पानी बचाने के लिए कदम उचित कदम उठा रहा है. इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया गया है. वहीं जंगलों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 2015-2017 के बीच भारत में जंगल के इलाके में वृद्धि हुई है. भारत ने ग्रीन कवर को बढ़ाया है. अभी हम इस पर और भी काम कर रहे हैं.  वहीं पर्यावरण संरक्षण पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज हर युवा को इसे लेकर जागरूक होने की जरूरत है. किसानों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमारी सरकारी किसानों की आमदनी दोगुना करने पर आगे बढ़ रही है. इसके अलावा किसानों को अलग-अलग तरीके से खेती भी सिखाई जा रही है. पीएम मोदी ने कहा, भारत में आने वाले समय में बंजर जमीन को उपजाऊ बन जाएगी. भारत 21 मिलियन हेक्टेयर्स से लेकर 26 मिलियन हेक्टयर्स बंजर भूमि को 2030 तक उपजाऊ करेगा.

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, दुनिया को जल्द ही एक बार इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक पर रोक लगानी होगी. हमारी सरकार आने वाले सालों में इस पर पूरी तरह रोक लगा देगी. 

बता दें, कांफ्रेस ऑफ पार्टीज (कॉप 14) बैठक ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में आयोजित की गई. बैठक में दुनियाभर के देश मरुस्थलीकरण और ज़मीन के बेहतर प्रबंधन पर चर्चा के लिये जुटे. दुनियाभर के देशों से पर्यावरणविद और विशेषज्ञों ने संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में आयोजित इस सम्मेलन में भाग लिया. करीब 100 देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. 12 दिनों तक चर्चा और मंथन के बाद बैठक का समापन 13 सितंबर को दिल्ली घोषणा पत्र जारी होने के साथ होगा और घोषणापत्र में तय लक्ष्य को भारत समेत तमाम देश हिस्सा लेंगे. भारत ने 50 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि को उपजाऊ करने का लक्ष्य रखा हैं. इस सम्मेलन में लगभग 200 देशों के 3000 प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. COP 13 की बैठक चीन में 2017 में हुई थी. इस बार मेज़बानी भारत को मिली है.