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अपनी ही कही बात को न मानने के चक्कर में ट्रोल हुए पीएम मोदी
रविवार को पीएम मोदी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के 72 वें जन्मदिन के मौके पर मिलने पहुंचे। इस मौके पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई दी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर ये सवाल पूछा जा रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी कही बात को गंभीरता से नहीं लेते?
दरअसल पीएम मोदी ने मन की बात के 33वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए भाजपा शासित राज्य सरकारों से फूलों की जगह किताबें भेंट किए जाने की अपील की थी। पीएम ने कहा था कि बेहतर होगा कि फूलों की बजाय गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुस्तक देकर किया जाए।
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इससे पहले पीएमओ इंडिया ने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुये कहा, 'मैं अपील करता हूं कि जब आप किसी से मिलें उसे गुलदस्ते की जगह किताब भेंट करें। ये छोटा सा कदम बड़ा बदलाव ला सकता है।'
हालांकि इसके ठीक दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री खुद फूलों के गुलदस्ते के साथ रामनाथ कोविंद से मुलाकात करते नजर आए थे। तब भी उन्हें लोगों ने ट्विटर पर ट्रोल किया था।
रविवार को जैसे ही प्रधानमंत्री की मुलाकात की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट हुई सोशल मीडिया पर लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया।
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Source : News Nation Bureau