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ट्रैक्टर जलाने पर भड़के मोदी- जिनकी किसान करते हैं पूजा, उनमें कुछ लोग लगा रहे आग

प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था.

Updated on: 29 Sep 2020, 12:59 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'नमामि गंगे' मिशन के तहत उत्तराखंड में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 6 बड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन कर दिया है. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज पैसा पानी में नहीं बहता, पानी पर लगाया जाता है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां तो हालत ये थी कि पानी जैसा महत्वपूर्ण विषय, अनेकों मंत्रालयों और विभागों में बंटा हुआ था. नतीजा ये हुआ कि देश में सिंचाई हो या फिर पीने के पानी से जुड़ी समस्या, ये निरंतर विकराल होती गईं. मोदी ने कहा कि पानी से जुड़ी चुनौतियों के साथ अब ये मंत्रालय देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में जुटा हुआ है.

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नरेंद्र मोदी ने कहा, 'उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है. अगर पुराने तौर-तरीके अपनाए जाते, तो आज भी हालत उतनी ही बुरी रहती. लेकिन हम नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े. हमने नमामि गंगे मिशन को सिर्फ गंगा जी की साफ-सफाई तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे देश का सबसे बड़ा और विस्तृत नदी संरक्षण कार्यक्रम बनाया.'

उन्होंने कहा, 'सरकार ने चारों दिशाओं में एक साथ काम आगे बढ़ाया. पहला- गंगा जल में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का जाल बिछाना शुरू किया. दूसरा- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट ऐसे बनाए, जो अगले 10-15 साल की भी जरूरतें पूरी कर सकें. तीसरा- गंगा नदी के किनारे बसे सौ बड़े शहरों और पांच हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त करना और चौथा- जो गंगा जी की सहायक नदियां हैं, उनमें भी प्रदूषण रोकने के लिए पूरी ताकत लगाना.'

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, 'अब गंगा म्यूजियम के बनने से यहां का आकर्षण और अधिक बढ़ जाएगा. ये म्यूजियम हरिद्वार आने वाले पर्यटकों के लिए, गंगा से जुड़ी विरासत को समझने का एक माध्यम बनने वाला है. आज जलजीवन मिशन के तहत हर दिन करीब 1 लाख परिवारों को शुद्ध पेयजल की सुविधा से जोड़ा जा रहा है. सिर्फ 1 साल में ही देश के 2 करोड़ परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाया जा चुका है.'

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कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'देश की किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं. इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, देश का नौजवान सशक्त होगा, देश की महिलाएं सशक्त होंगी, देश का किसान सशक्त होगा. लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं. ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाए.' सीधे तौर पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं.'

विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस कालखंड में देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों ने लोगों की कितनी मदद की है. जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे. देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करे, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया.' उन्होंने कहा, 'चार साल पहले का यही तो वो समय था, जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था. लेकिन ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे.'

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उन्होंने कहा, 'पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है. ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे. हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं.'

प्रधानमंत्री ने आज हरिद्वार के जगजीतपुर में 68 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण, 27 एमएलडी के मौजूदा जल-मल शोधन संयंत्र का उन्नयन और हरिद्वार के सराय में 18 एमएलडी का जल-मल शोधन संयंत्र का निर्माण किया है. इसके अलावा गंगा से संबंधित प्रथम संग्रहालय 'गंगा अवलोकन' का भी उद्घाटन किया गया है. ऋषिकेश के लक्कड़घाट पर 26 एमएलडी के जल-मल शोधन संयंत्र का उद्घाटन किया. मोदी चोरपानी में 5 एमएलडी के एक और 1 एमलडी के दो तथा बद्रीनाथ में 0.01 एमएलडी के एक जल-मल शोधन संयंत्र का उद्घाटन भी किया.