पीएम मोदी ने पाकिस्तान को छोड़कर सभी पड़ोसियों से की बात, नए साल की दीं शुभकामनाएं
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पड़ोसी देश से नववर्ष 2020 (New Year) की कूटनीतिक शुरुआत की है.
नई दिल्ली:
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पड़ोसी देश से नववर्ष 2020 की कूटनीतिक शुरुआत की है. नए साल पर उन्होंने बुधवार को नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका के प्रधानमंत्रियों और मालदीव के राष्ट्रपति से फोन पर बात की और उन्हें नए साल की बधाई दी. भारत की जनता की ओर से इन देशों की जनता को शुभेच्छा भेंट किए. पीएम मोदी ने पिछले साल सहयोग की दिशा में उठाए गए कदमों की समीक्षा की और नए वर्ष में सहयोग की संभावनाओं पर भी चचा की. ऐसे समय कुछ पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों की संतुलन बिगड़ने के संकेत हैं तब पीएम मोदी की इस कूटनीतिक पहल के खास मायने निकाले जा रहे हैं.
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पीएम नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को अवामी लीग की तीन वर्षों के लिए और प्रेसिडेंट चुने जाने पर बधाई दी और नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त सैयद मुआज्जम अली के असामयिक निधन पर संवेदना प्रकट की. छोटी सी बातचीत में पिछले एक वर्ष के दौरान उठाए गए कदमों की समीक्षा भी हुई है और भावी योजनाओं पर चर्चा भी हुई.
अगले साल बांग्लादेश की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी है. पीएम नरेंद्र मोदी ने शेख हसीना को बताया कि यह बहुत अच्छा मौका है जब हम द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में कदम उठाएं. उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार के बांग्लादेश के साथ रिश्ता हमेशा से प्राथमिकता में रहा है. भारत में नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच शीर्षस्थ वार्ता हुई है.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बांग्लादेश अपनी नाराजगी जता चुका है. उसने अपने विदेश मंत्री के भारत दौरे को रद कर दिया था. दोनों देशों के बीच होने वाली नदी जल बंटवारे पर गठित समिति की बैठक भी रद कर दी गई है. हाल ही में बांग्लादेश ने भारत से जुड़ी सीमा पर अपने मोबाइल नेटवर्क को भी जैम कर दिया है. उसे आशंका है कि सीएए की वजह से भारत में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशी लौट सकते हैं.
मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति और पीएम राजपक्षे को किया फोन
पीएम मोदी ने एक अन्य अहम पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे व पीएम गोटाबाया राजपक्षे से भी बात की और रिश्तों को प्रगाढ़ बनाने के संभावित उपायों पर चर्चा की. राजपक्षे ने राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की यात्रा भी की थी, लेकिन यहां से लौटने के बाद उनकी सरकार के कुछ कदमों से भारत निश्चित तौर पर खुश नहीं होगा. राजपक्षे को चीन का समर्थक माना जाता है जो श्रीलंका में कई औद्योगिक ढांचागत परियोजनाएं लगा रहा हैं. भारत से लौटने के बाद राजपक्षे सरकार ने खुलकर चीन की परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की बात कही है, जबकि इन परियोजनाओं पर पूर्व की सिरीसेना सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया था.
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मोदी ने नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली से भी की बात
मोदी ने एक अन्य पडोसी देश नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली से भी बात की है. इस दौरान भारत-नेपाल के रिश्तों पर चर्चा हुई. मोतीहारी अमलेकगंज पाइपसलाइन के रिकार्ड समय में पूरा होने पर दोनों ने प्रसन्नता जताई और इस तरह की दूसरी परियोजनाओं की समीक्षा की गई. खास तौर पर बिराटनगर में बन रहे चेक पोस्ट का साथ मिल कर उद्घाटन करने पर भी बात हुई.
वहीं, सनद रहे कि ओली सरकार का रुख भी चीन समर्थक का रहा है. हाल ही में चीन व नेपाल के बीच बनने वाले नए सड़क व रेल मार्ग के समन्वयन को लेकर बैठक हुई. जाहिर है भारत को इन दोनों परियोजनाओं को लेकर अपनी आपत्ति है.
भूटान के किंग और पीएम शेरिंग से भी मोदी ने की बातचीत
भूटान के किंग जिग्मे बांग्चुक और पीएम एलएल शेरिंग से भी पीएम नरेंद्र मोदी ने बातचीत की. पीएम ने इन दोनों नेताओं को बताया कि भारत की नेबरहुड फर्स्ट की नीति में भूटान का अहम स्थान है.
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