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पीएम मोदी (फोटो- ANI )
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ईसरो) ने दुनिया के सबसे हल्के सैटेलाइट 'कलामसैट' को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उपग्रह को छोड़ा गया. खास बात ये है कि देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कलामसैट को छात्रों ने बनाया है. सैटेलाइट के सफलतापूर्वक लॉन्च पर पीएम मोदी ने बधाई दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, एक और पीएसएलवी को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के लिए वैज्ञानिकों को बधाई. कलामसैट भारत के होनहार छात्रों ने बनाया है. भारत चौथे चरण के स्पेस रॉकेट को इस्तेमाल करने वाला पहला देश है.'
PM: Heartiest congratulations to our scientists for yet another successful launch of PSLV. This launch has put in orbit Kalamsat, built by India's talented students. India becomes 1st country to use 4th stage of a space rocket as an orbital platform for micro-gravity experiments. pic.twitter.com/gVQOu1T7mk
— ANI (@ANI) January 25, 2019
इसरो का पीएसएलवी के साथ यह 46वां मिशन है. इस सैटेलाइट का वजन करीब 1.2 किलोग्राम है. पीएलएलवी-सी44 की 46वीं उड़ान से माइक्रोसैट-अर और कलामसैट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया. छात्रों के प्रायोगिक उपकरण 'कलामसैट' आर्बिटल प्लेटफार्म के तौर पर पहली बार पीएस4 का इस्तेमाल किया गया. यह संचार उपग्रह होगा, जिसे कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
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इससे पहले 2017 में नासा ने 64 ग्राम का सबसे हल्का सैटेलाइट लॉन्च किया गया था. कलामसैट नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. कलामसैट किसी भी भारतीय छात्र का बनाया हुआ पहला प्रायोगिक सैटेलाइट है, जिसे नासा साउडिंग रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजा गया है.
Source : News Nation Bureau