प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिये नीति आयोग की मंगलवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में खासकर नोटबंदी के बाद नकदी की कमी और दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
प्रधानमंत्री कार्यलय के उच्च अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की बैठक नीति आयोग के सदस्यों, अर्थशास्त्रियों तथा संबद्ध मंत्रालयों विशेषकर वित्त एवं वाणिज्य के उच्च अधिकारियों की राय जानने के लिए बैठक बुलायी है।
सूत्र ने बताया कि सरकार नकदी की कमी के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर और खासकर असंगठित क्षेत्र पर पड़ने वाले असर विपरीत प्रभाव पर रणनीति तैयार करना चाहती है। आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद नकदी की कमी के कारण असंगठित क्षेत्र में लोगों की नौकरियां गयी हैं।
यह बैठक इस दृष्टि से भी अहम है क्योंकि वर्तमान वित्त वर्ष के लिये आरबीआई समेत कई एजेंसियों ने आर्थिक विकास दर में कमी आने का भविष्यवाणी की है। रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा में आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया है।
वहीं एशियाई विकास बैंक ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर 7.0 प्रतिशत कर दिया है। जबकि पहले 7.4 प्रतिशत थी। देश की आर्थिक वृद्धि दर 2016-17 की पहली और दूसरी तिमाही में क्रमश: 7.1 प्रतिशत तथा 7.3 प्रतिशत रही है।
Source : News Nation Bureau