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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून, जम्‍मू-कश्‍मीर, पूर्वोत्‍तर, बोडो समझौते, तमाम योजनाओं को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. साथ ही दिल्‍ली चुनाव के बीच सिख विरोधी दंगों की चर्चा छेड़कर एक बार फिर कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दी.

Updated on: 06 Feb 2020, 03:02 PM

नई दिल्‍ली:

राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर बहस के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने अपने जवाब में नागरिकता कानून, जम्‍मू-कश्‍मीर, पूर्वोत्‍तर, बोडो समझौते, तमाम योजनाओं, सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. साथ ही दिल्‍ली विधानसभा चुनाव सिख विरोधी दंगों की चर्चा छेड़कर एक बार फिर कांग्रेस की दुखती रग पर हाथ रख दी. लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, देश चुनौतियों से लोहा लेने के लिए हर पल कोशिश करता है, कभी-कभी चुनौतियों की तरफ न देखने की आदत भी देश ने देखा है, लेकिन आज दुनिया की भारत से जो अपेक्षा है, हम चुनौतियों को चुनौतियों की तरह नहीं लेंगे, सबको साथ लेकर आगे बढ़ने की गति नहीं बढ़ाते तो शायद देश को अनेक समस्‍याओं से अरसे तक जूझना पड़ता. अगर कांग्रेस के रास्‍ते चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्‍ति कानून का इंतजार देश को करना पड़ता, 35 साल बाद भी नेक्‍स्‍ट जनरेशन लड़ाकू विमान का इंतजार करना पड़ता, बेनामी संपत्‍ति कानून लागू नहीं होगा, चीफ ऑफ डिफेंस की नियुक्‍ति नहीं होती

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पीएम मोदी बोले, हम इस बात को भली-भांति समझते हैं कि देश को लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए. इसलिए हमारी कोशिश है कि स्‍पीड भी पढ़े और स्‍केल भी बढ़े, हमने जिस तेज गति से काम किया है, उसका परिणाम है कि जनता ने उसी तेज गति से आगे बढ़ने के लिए और अधिक ताकत दे दी. अगर यह तेज गति नहीं होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट इतने कम समय में नहीं खुलते, तो 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय का काम नहीं होता, तो 13 करोड़ परिवारों में गैस चूल्‍हा नहीं पहुंचता, तो 2 करोड़ गरीबों के घर नहीं बनते, तो लंबे समय से अटके दिल्‍ली की 1700 से अधिक अवैध कॉलोनियों का काम पूरा नहीं होता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम अगर उसी तरीके से चलते, जिस तरीके से आपलोग चलते हैं तो इस देश से अनुच्‍छेद 370 नहीं हटता, तो मुस्‍लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती, तो नाबालिग से रेप के मामले में फांसी की सजा का कानून नहीं बनता, तो राम जन्‍मभूमि आज भी विवादों में रहती, तो करतारपुर कॉरिडोर कभी नहीं बनता, तो भारत-बांग्‍लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुधरता. 

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उन्‍होंने कहा, पूर्वोत्‍तर को दशकों तक इंतजार करना पड़ा. राजनीतिक तराजू से जब तक फैसले होते रहे तो वह क्षेत्र हमेशा उपेक्षित रहा. हमारे लिए पूर्वोत्‍तर केवल वोटबैंक नहीं है, वहां के नागरिकों के लिए अपार विश्‍वास के साथ आगे बढ़ने के चलते 5 साल में दिल्‍ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है. सरकार के मंत्री लगातार वहां का दौरा कर रहे हैं, लोगों से मिल रहे हैं, विकास की बात हो रही है, काम हो रहे हैं, हवाई अड्डे, मोबाइल कनेक्‍टिविटी बढ़ाने के प्रयास वहां हो रहे हैं. यहां बोडो की चर्चा हुई. इससे पहले जो कुछ भी हुआ, वह आधे-अधूरे मन से किया गया. समझौते कागज पर तो हो गए, वाहवाही भी हो गई, लेकिन कागज पर किए गए समझौते से इतने साल बाद भी बोडो समस्‍या का समाधान नहीं हुआ था. इस बार जो बोडो समझौता हुआ है, वह पूर्वोत्‍तर और पूरे देश में संदेश देने वाली है. इस बार सभी ग्रुप एक साथ आए. समझौते में लिखा है कि इसके बाद बोडो समस्‍या से जुड़ी कोई भी मांग बाकी नहीं रह गई है. वहां सूरज तो उगता था, लेकिन सवेरा नहीं होता था. आज सूरज भी उगा है और सवेरा भी हुआ है. आप चश्‍मा बदलोगे तब वह प्रकाश आपको दिखाई देगा. 

पीएम मोदी बोले- किसानों के मुद्दे पर जिस तरह से यहां चर्चा करने की कोशिश की गई, वह शायद अज्ञानता में हुई. हमारे समय में डेढ़ गुना एमएसपी बढ़ी. मैं हैरान हूं कि सिंचाई योजनाएं 20-20 साल से लंबित थीं. 99 योजनाओं को हम लागू करा पाए हैं. पीएम फसल बीमा योजना से किसानों में विश्‍वास पैदा हुआ है. किसानों की ओर से 13 हजार करोड़ प्रीमियम आए, लेकिन प्राकृतिक आपदा से नुकसान के चलते किसानों को 56 हजार करोड़ की मदद दी गई. हमने पशुपालन, मछलीपालन, सौर ऊर्जा, सोलर पंप हो, ऐसी कई चीजें जोड़ी हैं, जिससे किसानों के हालात बदले हैं. 2014 में कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ का बजट था, अब करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. सांसदों को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा, अपने राज्‍य के किसानों को पीएम किसान सम्‍मान निधि की राशि दिलवाने के लिए काम करें, मैं चाहूंगा कि जो भी अपने क्षेत्र के किसानों के लिए चिंतित हैं, वोट ले लिए, शपथ ले लिए, लेकिन किसानों के वादे पूरे नहीं किए गए. कृपया वे इसके लिए काम करें

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उन्‍होंने यह भी कहा, दुनिया की जो आर्थिक स्‍थिति है, उसका लाभ उठाने के लिए मैं चाहूंगा कि सभी सदस्‍य अपने सुझाव दें. ताकि देश पूरे विश्‍व के हालात का फायदा उठा सके. यह हमारा दायित्‍व है. आप जब सवाल उठाते हैं तो मुझे बुरा नहीं लगता, क्‍योंकि यह आपको भी लगता है कि करेगा तो यही करेगा. मैं विपक्ष को आलोचक नहीं मानता देश में आज महंगाई नियंत्रण में है. समस्‍याओं के समाधान की कोशिश की जा रही है. जीएसटी का बड़ा फैसला हो, कॉरपोरेट टैक्‍स में राहत की बात हो, बैंकों में री-कैपिटलाइजेशन की बात हो, सारे कदम हमारी सरकार उठा रही है और उसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, जनवरी 2019 से 2020 के बीच 6 बार जीएसटी राजस्‍व 100,000 करोड़ से अधिक रहा है. एफडीआई आज 26 बिलियन डॉलर पार कर गया है. विदेश निवेशकों का भारत के प्रति विश्‍वास बढ़ा है. गलत अफवाहों के बाद भी लोग यहां आकर निवेश कर रहे हैं, यह बड़ी बात है. हमारा फोकस अधिक से अधिक जॉब क्रिएशन पर है. मैं किसानों से बहुत कुछ सीखता हूं. इस बार मुद्रा योजना से जिनको लोन बैंकों से मिला है, उनमें 70 प्रतिशत महिलाएं हैं. 28 प्रतिशत से अधिक स्‍टार्टअप रिकॉग्‍नाइज हुए हैं

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उन्‍होंने कहा, वर्ल्‍ड बैंक के डेटा ऑन इंटरप्रेन्‍योर में भारत का स्‍थान तीसरा है. कल कांग्रेस ने घोषणा की है कि छह माह में पीएम नरेंद्र मोदी को डंडे मारेंगे. यह काम कठिन है तो तैयारी के लिए 6 महीने का समय अच्‍छा है. मैंने भी तय किया है कि अब सूर्य नमस्‍कार की संख्‍या बढ़ा दूं. जिस तरह की गंदी गालियां सुन रहा हूं, इसलिए सूर्य नमस्‍कार की संख्‍या बढ़ाने से मेरी क्षमता बढ़ जाएगी. मैं 30-40 मिनट से बोल रहा हूं, लेकिन करंट पहुंचते-पहुंचते इतनी देर कैसे हो गई? 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉकी ऐसे नहीं हो जाएगा. मैं सदस्‍यों से अनुरोध करता हूं कि श्रम सुधार को लेकर बिल पर जल्‍द से जल्‍द फैसला लें, ताकि अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो.

पीएम मोदी बोले, लोगों और उनके सपनों को उड़ान देने की ताकत इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में होती है, एक बच्‍चे को स्‍कूल भेजने, किसान को बाजार से जोड़ने का काम, व्‍यवसायी को ग्राहक को जोड़ने, लोगों को लोगों से जोड़ने, एक गरीब प्रेग्‍नेंट मां को अस्‍पताल पहुंचाने तक का काम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर करता है. हमने ऐसे अनेक फैसले लिए हैं. इसलिए तो लोगों ने फिर हमें यहां बैठा दिया. 2014 में हमने मिशन मोड में काम किया और दिल्‍ली के बाहर पेरिफेरल एक्‍सप्रेस वे बन गया और दिल्‍ली को उसका लाभ मिल रहा है. इसको समझने के लिए विपक्ष को थोड़ा समय लगेगा. 

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कांग्रेस को संविधान बचाओ की बात दिन भर में 100 बार बोलनी चाहिए, क्‍योंकि संविधान के साथ ये क्‍या करते हैं, यही लोग हैं न्‍यायपालिका से न्‍यायिक समीक्षा का अधिकार छीनने का पाप किया है, जो सबसे अधिक बार संविधान में बदलाव कर चुका है, उनके लिए संविधान बचाना बोलना बहुत जरूरी है. कैबिनेट से पारित प्रस्‍ताव को प्रेस कांफ्रेंस में फाड़ देने वालों के लिए संविधान बचाओ मंत्र बोलना बहुत जरूरी है. पीएम ओर पीएमओ के ऊपर नेशनल एडवाइजरी काउंसिल रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वालों के लिए संविधान का महात्‍म्‍य समझना बहुत जरूरी है.

शाहीनबाग का नाम लिए बगैर पीएम बोले, दिल्‍ली में संविधान के नाम पर जो हो रहा है, देश उसका जवाब देगा. आंदोलन ऐसा न हो कि लोगों को परेशानी हो. बार-बार सुप्रीम कोर्ट के कहने पर भी आंदोलनकारियों को उकसा रहे हैं. भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. एक शायर ने कहा था-

'खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं

साफ छिपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं'

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उन्‍होंने कहा, कांग्रेस के समय में संविधान की क्‍या स्‍थिति थी, लोगों के अधिकारों की क्‍या स्‍थिति थी, मैं पूछना चाहता हूं अगर संविधान इतना महत्‍वपूर्ण है, जो हम मानते हैं तो जम्‍मू-कश्‍मीर में संविधान लागू करने से आपको किसने रोका था. शशि थरूर आप तो जम्‍मू-कश्‍मीर के दामाद हैं, आप भी संविधान की बात करते हो. एक सांसद ने कहा- जम्‍मू-कश्‍मीर ने अपनी पहचान खोई है. कश्‍मीर भारत का मुकुट मणि है. कश्‍मीर की पहचान बम बंदूक और बमबाजों की बना दी गई थी. 19 जनवरी 1990 को कश्‍मीर की पहचान को दफना दिया था. कश्‍मीर की पहचान सूफी परंपरा है, सर्व धर्म समभाव की है. कुछ लोग कहते हैं अनुच्‍छेद 370 हटाने के बाद आग लग जाएगी. कैसे भविष्‍यवेत्‍ता हैं ये. आज मैं कहना चाहता हूं कि यह संविधान की रक्षा करने वाला सदन है. यह संविधान के प्रति दायित्‍व निभाने वालों का सदन है. अगर है तो ... महबूबा मुफ्ती ने 5 अगस्‍त को क्‍या कहा था- भारत ने कश्‍मीर के साथ धोखा किया है. हमने इस देश के साथ रहने का फैसला किया था. ऐसा लगता है कि हमने 1947 में गलत चुनाव कर लिया था. क्‍या ये संविधान को मानने वाले लोग इस तरह की भाषा स्‍वीकार कर सकते हैं क्‍या.

पीएम ने कहा, उमर अब्‍दुल्‍ला ने कहा था, अनुच्‍छेद 370 को हटाना ऐसा भूकंप लाएगा कि कश्‍मीर भारत से अलग हो जाएगा. फारुख अब्‍दुल्‍ला ने कहा था- 370 का हटाया जाना कश्‍मीर के लोगों की आजादी का मार्ग प्रशस्‍त करेगा. अगर ऐसा हुआ तो भारत का झंडा फहराने वाला कश्‍मीर में कोई नहीं बचेगा. हम वो लोग हैं जिनको कश्‍मीर की आवाम पर भरोसा है. हमने भरोसा किया, अनुच्‍छेद 370 को हटाया और वहां तेज गति से विकास भी कर रहे हैं. देश के किसी भी क्षेत्र में हिंसा की इजाजत नहीं की जा सकती. हमारे मंत्री जम्‍मू-कश्‍मीर में जनता के बीच जा रहे हैं, संवाद कर रहे हैं. मैं इस सदन के माध्‍यम से कश्‍मीर के लोगों के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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उन्‍होंने यह भी कहा, हमारे देश में सिक्‍किम ऐसा प्रदेश है, जिसने खुद को ऑर्गेनिक स्‍टेट के रूप में पहचान बनाई है. कई राज्‍यों को सिक्‍किम ने प्रेरणा दी है. लद्दाख को लेकर मेरे मन में चित्र बहुत साफ है. जिस प्रकार से हमारे पड़ोसी भूटान की प्रशंसा होती है, उसी तरह लद्दाख को भी कार्बन न्‍यूट्रल ईकाई के रूप में विकसित करें. मैं आपको आमंत्रित करता हूं, आइए, देश के गरीबों को पक्‍का मकान के लिए काम करें, देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉकी बनाने के लिए आगे बढ़ें, आइए, एक भारत श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए काम करें.

नागरिकता कानून को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी बोले- कुछ लोग कह रहे हैं कि यह इतनी जल्‍दी क्‍यों लाया गया? यह सरकार भेदभाव कर रही है. हिन्‍दू-मुस्‍लिम कर रही है. कुछ लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के बगल में खड़े रहते हैं. दशकों से पाकिस्‍तान यही करता आया है. भारत के मुसलमानों को गुमराह करने के लिए पाकिस्‍तान ने सब कुछ किया है. पाकिस्‍तान की बात बढ़ नहीं पा रही है तो मैं हैरान हूं कि जिनको जनता ने यहां भेजा, वे यह सब काम कर रहे हैं.

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उन्‍होंने कहा, कांग्रेस और उसकी नजर में ये लोग हमेशा से केवल मुसलमान हैं, हमारी नजर में वे भारतीय हैं. खान अब्‍दुल गफ्फार खान का चरण छूने का बचपन में मौका मिला था. कांग्रेस और उसके जैसे दलों में जिस दिन भारत को भारत की नजर से देखना शुरू किया, उसे अपनी गलती का एहसास होगा. मैं कांग्रेस के ईको सिस्‍टम का आभारी हूं कि उन्‍होंने नागरिकता कानून पर हो हल्‍ला मचाया हुआ है. अगर वे ऐसा नहीं करते तो देश को उनका असली रूप पता नहीं चलता. किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए देश के बीच में लकीर खीची गई. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि कभी आपने कभी भूपेंद्र कुमार दत्‍ता का नाम सुना है. एक समय में वे AICC में थे. स्‍वतंत्रता संग्राम के दौरान 23 साल जेल में बिताए. वे ऐसे महापुरूष थे, 78 दिन जेल में भूख हड़ताल की थी. विभाजन के बाद वे पाकिस्‍तान में ही रुक गए. बाद में उन्‍हें भारत में आकर शरण लेनी पड़ी थी. योगेंद्र नाथ मंडल को पाकिस्‍तान को पहला कानून मंत्री भी बनाया गया था. 9 अक्‍टूबर 1950 को उन्‍होंने इस्‍तीफा दे दिया था. उनका निधन भी मां भारती की गोद में हुआ था. इतने दशकों बाद भी वहां अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार हो रहे हैं

मोदी बोले- आपने तो गांधी जी को छोड़ दिया, लेकिन जिसके आधार पर कांग्रेस की रोजी-रोटी चल रही है. नेहरू-लियाकत समझौते का आधार अल्‍पसंख्‍यकों से भेदभाव को रोकना था. उस समझौते में नेहरू ने अल्‍पसंख्‍यकों के बदले सारे नागरिकों का उल्‍लेख क्‍यों नहीं किया. नेहरूजी ने अल्‍पसंख्‍यक शब्‍द का क्‍यों उल्‍लेख किया. नेहरू जी ने खुद इसका उल्‍लेख किया है : असम के तत्‍कालीन सीएम गोपीनाथ जी को एक पत्र लिखा था- आपको हिंदू शरणार्थियों और मुस्‍लिम घुसपैठियों के बीच फर्क करना ही होगा और देश को इन शरणार्थियों की जिम्‍मेदारी लेनी ही होगी. नेहरू-लियाकत समझौते के बाद 5 नवंबर 1950 को नेहरूजी ने कहा था, इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो लोग भारत में शरण लेने के लिए आए हैं तो उनके लिए कानून में बदलाव किया जाना चाहिए.

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उन्‍होंने पूछा- क्‍या पंडित नेहरू कॉम्‍यूनल थे, क्‍या वे हिन्‍दू-मुसलमान करते थे, क्‍या वे हिंदू राष्‍ट्र बनाना चाहते थे. कांग्रसे की दिक्‍कत यह है कि वह बातें बनाती है, झूठे वादे करती है और दशकों तक वह वादों को टालती रहती है. आज हमारी राष्‍ट्र निर्माण के लिए फैसले लेती है तो उसे दिक्‍कत हो रही है. कांग्रेस को नसीहत देते हुए पीएम मोदी ने कहा, अगर राजस्‍थान और मध्‍य प्रदेश विधानसभा में पारित प्रस्‍तावों के खिलाफ अव्‍यवस्‍था होने लगे तो आपकाे कैसा लगेगा. नागरिकता कानून हिन्‍दुस्‍तान के किसी नागरिक को उसकी नागरिकता प्रभावित नहीं करता. इससे भारत के अल्‍पसंख्‍यक को कोई नुकसान नहीं होने वाला. फिर भी लोग वोट बैंक की राजनीति को नकारने वालों से पूछना चाहता हूं कि क्‍या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं. आज देश का दुर्भाग्‍य है कि जिम्‍मेदार विपक्ष के रूप में जिससे देश को अपेक्षा थी, वह गलत रास्‍ते पर चल पड़ी है. इससे देश को संकट का सामना करना पड़ सकता है.