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त्रिपुरा में बोले PM नरेंद्र मोदी- पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकती थी, लेकिन अब...

मणिपुर के बाद त्रिपुरा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को अगरतला में 3400 करोड़ रुपये की लागत से बने महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया.

Updated on: 04 Jan 2022, 05:32 PM

नई दिल्ली:

मणिपुर के बाद त्रिपुरा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को अगरतला में 3400 करोड़ रुपये की लागत से बने महाराजा बीर बिक्रम (एमबीबी) हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. कार्यक्रम के बाद मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले यहां भ्रष्टाचार की गाड़ी रुकने का नाम नहीं लेती थी और विकास की गाड़ी पर ब्रेक लगा हुआ था. पहले जो सरकार यहां थी उसमें त्रिपुरा के विकास का ना विजन था और ना ही उसकी नीयत थी. गरीबी और पिछड़ेपन को त्रिपुरा के भाग्य के साथ चिपका दिया गया था.

PM मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का भारत, सबको साथ लेकर, सबके विकास और सबके प्रयास से ही आगे बढ़ेगा. कुछ राज्य पीछे रहें, कुछ राज्य के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते रहें, ये असंतुलित विकास ठीक नहीं. त्रिपुरा के लोगों ने दशकों तक, यहां यही देखा है. उन्होंने कहा कि H से highway, I से Internet way, R से railways, A से Airways. आज हीरा मॉडल पर त्रिपुरा अपनी कनेक्टिविटी सुधार रहा है, अपनी कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि डबल इंजन की सरकार यानि सेवाभाव, डबल इंजन की सरकार यानि संकल्पों की सिद्धि और, डबल इंजन की सरकार यानि समृद्धि की तरफ एकजुट प्रयास. डबल इंजन की सरकार का कोई मुकाबला नहीं है. डबल इंजन की सरकार यानि संसाधनों का सही इस्तेमाल. डबल इंजन की सरकार यानि संवेदनशीलता. डबल इंजन की सरकार यानि लोगों के सामर्थ्य को बढ़ावा.

पीएम ने कहा कि 21वीं सदी में भारत को आधुनिक बनाने वाले नौजवान मिलें, इसके लिए देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है. इसमें स्थानीय भाषा में पढ़ाई पर भी उतना ही जोर दिया गया है. त्रिपुरा के विद्यार्थियों को अब मिशन-100, ‘विद्या ज्योति’ अभियान से भी मदद मिलने वाली है. देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प देने में भी त्रिपुरा एक अहम भूमिका निभा सकता है. यहां बने बांस के झाड़ू, बांस की बोतलें, ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए बहुत बड़ा बाज़ार देश में बन रहा है. इससे बांस के सामान के निर्माण में हज़ारों साथियों को रोज़गार, स्वरोज़गार मिल रहा है.