फिल्म ' पीएम नरेंद्र मोदी' पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि फ़िल्म देखकर सोमवार तक अपना पक्ष सीलबंद कवर में कोर्ट में जमा करें. वहीं इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलील दी कि Election Ccommission ने बिना फ़िल्म देखे बैन का फैसला ले लिया। इस दलील के बाद कोर्ट ने आयोग को फ़िल्म देखकर अपना पक्ष सीलबंद कवर में कोर्ट में जमा कराने को कहा.
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बता दें फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी पर बनी है. चुनाव के दौरान फिल्म की रिलीज को लेकर विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. फिल्म पहले 5 अप्रैल और बाद में 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी. शिकायत के बाद फिल्म की रिलीज डेज टल गई.
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दो दिन पहले फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' के निर्माता संदीप सिंह ने कहा था कि लोकतंत्र में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण होती है. उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से अपनी फिल्म को एक 'राजनीतिक प्रोपेगेंडा' की तरह नहीं बल्कि 'प्रेरणादायी कहानी' के तौर पर देखने का आग्रह किया. सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को चुनाव आयोग द्वारा फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ निर्माताओं की याचिका पर सुनवाई करेगा.
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संदीप सिंह ने एक बयान में कहा, "भारत के सभी नागरिकों को न्याय के लिए अपील करने का अधिकार है और एक निर्माता के तौर पर मैं वही कर रहा हूं. मेरे लिए और मेरी पूरी टीम के लिए, यह फिल्म विशेष है और हम चाहते हैं कि दुनिया इसे देखे. " फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी. सिंह ने कहा कि 10 अप्रैल को फिल्म के प्रीमियर से कुछ घंटे पहले चुनाव आयोग द्वारा फिल्म पर पाबंदी लगाने की नोटिस पाकर वे स्तब्ध रह गए.सिंह ने कहा, "मैं यहां देश के सर्वोच्च न्यायालय से इस फिल्म को रिलीज करने की इजाजत देने की अपील कर रहा हूं.
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हमारे जैसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र में, यह आज के समय में और ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम सभी को अभिव्यक्ति की आजादी दी जाए. हमारी फिल्म राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है. यह केवल एक प्रेरणादायी कहानी है. मैं अदालत से इसे एक बार देखने का आग्रह करता हूं. "सिहं ने कहा, "न्यायालय का जो भी आदेश होगा, हम उसका पालन करेंगे. हम सभी नियमों और निर्देशों का पालन करेंगे. हम कानून के विरुद्ध नहीं जाएंगे. "
Source : Arvind Singh