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PM Modi News( Photo Credit : ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली में शहरी नियोजन, विकास और स्वच्छता' पर वेबिनार को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बजट में शहरी नियोजन के मानकों के लिए 15000 करोड़ रुपए का इंसेंटिव तय किया है। इससे देश में योजना और व्यवस्थित शहरीकरण की नई शुरुआत होगी और इसे गति मिलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत में शहरी विकास के दो प्रमुख पक्ष है-नए शहरों का विकास और पुराने शहरों में पुरानी व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण। इसी विजन को सामने रखते हुए हमारी सरकार ने हर बजट में शहरी विकास को बहुत महत्व दिया है.
New cities that are being developed will create a new identity for India in the 21st century. With India urbanising rapidly, it is important to build infrastructure that is futuristic: PM Narendra Modi at the post-budget webinar on 'Urban Planning, Development and Sanitation' pic.twitter.com/Lxyn8OKnvU
— ANI (@ANI) March 1, 2023
दिल्ली में 'शहरी नियोजन, विकास और स्वच्छता' पर वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शहरी विकास में शहरी नियोजन और शहरी शासन दोनों की बहुत बड़ी भूमिका है। शहरों की खराब नियोजन या योजना बनने के बाद उसका सही इम्प्लिमेंट न होना हमारी विकास यात्रा के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि तीसरा-ऐसे उत्कृष्टता केंद्र का कैसे विकास किया जाएं जो शहरी नियोजन को नए लेवल पर लेकर जाएं. इस वेबिनार के अलग-अलग सत्र में आप 3 सवालों पर जरूर फोकस करे। पहला- राज्यों में अर्बन प्लानिंग इकोसिस्टम को कैसे मजबूत किया जाए। दूसरा- निजी सेक्टर में उपलब्ध विशेषज्ञता का शहरी नियोजन में कैसे सही इस्तेमाल हो.
Today, by processing the waste, work is being done to free the cities from the mountains of garbage. An imp pillar in city development is transport planning. Green mobility, broadening of roads & elevated roads are some things we have to include in our transport planning: PM Modi pic.twitter.com/qMCBhPaYs4
— ANI (@ANI) March 1, 2023
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत परिपत्र अर्थव्यवस्था को शहरी विकास का बड़ा आधार बना रहा है। हमारे देश में हर दिन हजारों टन नगर निगम का अपशिष्ट पैदा होता है। 2014 में देश में सिर्फ 14-15% अपशिष्ट प्रसंस्करण होती थी, आज 75% अपशिष्ट प्रक्रिया हो रही है.
नोट- ये खबर एएनआई न्यूज एजेंसी से ली गई है.