कर्नाटक से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े (Anant Hegde) के महात्मा गांधी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बीजेपी नाखुश बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) अनंत हेगड़े के बयान से काफी नाराज हैं और तत्काल बिना किसी हीलाहवाली के उनके बयान को लेकर माफी मांगने को कहा गया है. ऐसे समय में नागरिकता कानून को लेकर सभी विपक्षी दल एकजुट होकर हमला बोल रहे हैं, तो अनंत हेगड़े के बयान से बीजेपी की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं. सोमवार सुबह से ही विपक्षी दलों के तमाम नेता अनंत हेगड़े के बयान को बीजेपी का एजेंडा बता रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अन्य रणनीतिकार नहीं चाहते कि ऐसे समय में कोई नया विवाद खड़ा हो और पार्टी उसमें फंसती दिखाई दे.
क्या कहा था अनंत हेगड़े ने
BJP सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े (Anant kumar Hegde) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नेतृत्व में हुए स्वतंत्रता आंदोलन को नाटक करार देते हुए उन्हें 'महात्मा' कहने पर सवाल उठाए. शनिवार को बेंगलुरु में एक जनसभा में बीजेपी सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा था, 'ब्रिटिश सरकार की अनुमति और समर्थन से पूरा स्वतंत्रता संग्राम रचा गया था. स्वतंत्रता संग्राम में तथाकथित नेताओं में से किसी ने एक बार भी पुलिस की मार नहीं खाई थी. एक बार भी नहीं. गांधी का स्वतंत्रता संग्राम महज एक ड्रामा था.'
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हेगड़े यही नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, 'भारत का स्वतंत्रता संग्राम असल में वास्तविक लड़ाई नहीं थी. यह सामंजस्य के आधार पर रचा गया स्वतंत्रता संग्राम था. उन्होंने महात्मा गांधी के उपवास और सत्याग्रह पर भी सवाल उठाते हुए उसे नाटक बताया. हेगड़े ने कहा, कांग्रेस के समर्थक कहते हैं कि आमरण अनशन और सत्याग्रह से भारत को आजादी मिली. यह सही नहीं है. अंग्रेजों ने सत्याग्रह के चलते देश नहीं छोड़ा था, बल्कि निराश होकर भारत छोड़ा था.
साध्वी प्रज्ञा के बयान पर भी हुआ था विवाद
अनंत हेगड़े से पहले पिछले साल 28 नवंबर को भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में बहस के दौरान गोडसे को देशभक्त बताया था. प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर लोकसभा में बहुत हंगामा हुआ था. लोकसभा की कार्यवाही से प्रज्ञा ठाकुर के बयान को हटा दिया गया था. एसपीजी संशोधन बिल पर बहस के दौरान उन्होंने यह बात कही थी. द्रमुक सांसद ए. राजा ने बहस के दौरान महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े नाथूराम गोडसे के बयान का हवाला दिया था, जिसे सुनते ही बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर खड़ीं होकर चीख पड़ी थीं. उन्होंने गोडसे को देशभक्त बताते हुए ए. राजा के बयान का विरोध किया था.
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इसके बाद लोकसभा में हंगामा खड़ा हो गया था. आखिरकार लोकसभा की कार्यवाही से इस बयान को हटाना पड़ा. इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताकर विवाद पैदा किया था. उस दौरान पार्टी ने उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा था. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी सदन में भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार देने वाले बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा पर कार्रवाई कर सकती है.
Source : News Nation Bureau