भारत-यूएई के बीच डिफेंस, सिक्युरिटी, आईटी प्रोजेक्ट आदि को लेकर 14 एग्रीमेंट्स साइन हुए हैं। अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यां और नरेंद्र मोदी के बीच हैदराबाद हाउस के गार्डन में सैर पर अहम चर्चा के दौरान इन मुद्दों पर हस्ताक्षर हुए। यूएई भारत में अगले कुछ साल में करीब पांच लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने को राजी है।
भारत और यूएई के बीच हुए समझौतों में सबसे अहम खाड़ी देश को दक्षिण भारत में ऑइल रिजर्व तैयार करने की अनुमति देना भी शामिल है। इसके अलावा दोनों दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक स्तर पर और भी मजबूत करने का फैसला लिया है।
भारत ने 2014 में तेल स्टोरेज फैसिलिटी का एक हिस्सा आबू धाबी को लीज पर देने के लिए बातचीत शुरू की थी। इस डील के तहत भारत के पास अधिकार होगा कि वह इमर्जेंसी में क्रूड ऑइल को स्टोर कर सके, जबकि आबू धाबी नैशनल ऑइल कंपनी डिमांड को पूरा करने के लिए यहां से तेल की सप्लाइ कर सकेगी।
समझौतों पर हस्ताक्षर के बाद मोदी ने कहा, 'यूएई भारत का अच्छा एनर्जी पार्टनर है। एनर्जी और इन्वेस्टमेंट पर अच्छी बातचीत हुई। आने वाले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।'
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अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का बुधवार को यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने औपचारिक स्वागत किया। मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान मंगलवार को भारत पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगवानी की। वह गुरुवार को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं।
इन अहम मुद्दों पर हुए हस्ताक्षर
- 1-ट्रेड पार्टनरशिप पर एग्रीमेंट साइन हुआ है।
- 2-डिफेंस के लिए एमओयू साइन किए हैं।
- 3- अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई।
- 4- 6 हाईवे प्रोजेक्ट में इन्वेस्टमेंट पर हस्ताक्षर हुए
- 5-अबू धाबी में मंदिर बनाने की अनुमति मिली
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Source : News Nation Bureau