छात्रों के परिश्रम से ही नए भारत का निर्माण होगा- PM मोदी
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती बीरभूम जिले में बोलपुर शहर के पास शांति निकेतन में स्थित सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है.
नई दिल्ली/कोलकाता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (चांसलर) हैं. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1921 में स्थापित विश्व भारती बीरभूम जिले में बोलपुर शहर के पास शांति निकेतन में स्थित सबसे पुराना केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है. मई 1951 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्व भारती को एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान घोषित किया गया था.
जब हम आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता की बात कर रहे हैं तो विश्वभारती के छात्र-छात्राएं पौष मेले में आने वाले कलाकारों की कलाकृतियां ऑनलाइन बेचने की व्यवस्था करें- मोदी
भारत की आत्मा, भारत की आत्मनिर्भरता और भारत का आत्मसम्मान एक दूसरे से जुड़े हुए हैं- मोदी
गुरुदेव ने हमें स्वदेशी समाज का संकल्प दिया था. वो हमारे गांवों, कृषि को आत्मनिर्भर देखना चाहते थे- मोदी
विश्व भारती के लिए गुरुदेव का विजन आत्मनिर्भर भारत का भी सार है. आत्मनिर्भर भारत अभियान भी विश्व कल्याण के लिए भारत के कल्याण का मार्ग है. ये अभियान, भारत को सशक्त करने का अभियान है, भारत की समृद्धि से विश्व में समृद्धि लाने का अभियान है- पीएम मोदी
उनका विजन था कि जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है, उससे विश्व को लाभ हो और जो दुनिया में अच्छा है, भारत उससे भी सीखे. आपके विश्वविद्यालय का नाम ही देखिए: विश्व-भारती. मां भारती और विश्व के साथ समन्वय - मोदी
वेद से विवेकानंद तक भारत के चिंतन की धारा गुरुदेव के राष्ट्रवाद के चिंतन में भी मुखर थी और ये धारा अंतर्मुखी नहीं थी. वो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग रखने वाली नहीं थी - मोदी
सैकड़ों वर्षों के कालखंड में चले ये आंदोलन त्याग, तपस्या और तर्पण की अनूठी मिसाल बन गए थे. इन आंदोलनों से प्रभावित होकर हज़ारों लोग आजादी की लड़ाई में बलिदान देने के लिए आगे आए- मोदी
इन शिक्षण संस्थाओं ने भारत की आज़ादी के लिए चल रहे वैचारिक आंदोलन को नई ऊर्जा दी, नई दिशा दी, नई ऊंचाई दी. भक्ति आंदोलन से हम एकजुट हुए, ज्ञान आंदोलन ने बौद्धिक मज़बूती दी और कर्म आंदोलन ने हमें अपने हक के लिए लड़ाई का हौसला और साहस दिया - पीएम
समय की मांग थी कि ज्ञान के अधिष्ठान पर आजादी की जंग जीतने के लिए वैचारिक आंदोलन भी खड़ा किया जाए और साथ ही उज्ज्वल भावी भारत के निर्माण के लिए नई पीढ़ी को तैयार भी किया जाए और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई, कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों ने, विश्वविद्यालयों ने- मोदी
जब भक्ति और कर्म की धाराएं पुरबहार थी तो उसके साथ-साथ ज्ञान की सरिता का ये नूतन त्रिवेणी संगम, आजादी के आंदोलन की चेतना बन गया था. आजादी की ललक में भाव भक्ति की प्रेरणा भरपूर थी- मोदी
अन्याय और शोषण के विरुद्ध सामान्य नागरिकों के तप-त्याग और तर्पण की कर्म-कठोर साधना अपने चरम पर थी. ये भविष्य में हमारे स्वतंत्रता संग्राम की बहुत बड़ी प्रेरणा बनी- मोदी
भक्ति आंदोलन के सैकड़ों वर्षों के कालखंड के साथ-साथ देश में कर्म आंदोलन भी चला. भारत के लोग गुलामी और साम्राज्यवाद से लड़ रहे थे. चाहे वो छत्रपति शिवाजी हों, महाराणा प्रताप हों, रानी लक्ष्मीबाई हों, कित्तूर की रानी चेनम्मा हों, भगवान बिरसा मुंडा का सशस्त्र संग्राम हो- मोदी
स्वामी विवेकानंद ने भक्ति का दायरा बढ़ाते हुए हर व्यक्ति में दिव्यता को देखना शुरु किया. उन्होंने व्यक्ति और संस्थान के निर्माण पर बल देते हुए कर्म को भी अभिव्यक्ति दी, प्रेरणा दी- मोदी
भक्ति का ये विषय तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक महान काली भक्त श्रीरामकृष्ण परमहंस की चर्चा ना हो. वो महान संत, जिनके कारण भारत को स्वामी विवेकानंद मिले. स्वामी विवेकानंद भक्ति, ज्ञान और कर्म, तीनों को अपने में समाए हुए थे- मोदी
भक्ति आंदोलन वो डोर थी, जिसने सदियों से संघर्षरत भारत को सामूहिक चेतना और आत्मविश्वास से भर दिया- पीएम
भक्ति युग में, हिंदुस्तान के हर क्षेत्र, हर इलाके, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में हमारे संतों ने, महंतों ने, आचार्यों ने देश की चेतना को जागृत रखने का प्रयास किया- पीएम
भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक एकता को भक्ति आंदोलन ने मजबूत करने का काम किया था- मोदी
भारत की आजादी के आंदोलन को सदियों पहले से चले आ रहे अनेक आंदोलनों से ऊर्जा मिली थी- पीएम
जब हम स्वतंत्रता संग्राम की बात करते हैं तो हमें 19वीं और 20वीं सदी याद आती है, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम की नींव बहुत पहले ही रखी गई थी- मोदी
भारत के लिए गुरुदेव ने जो स्वप्न देखा था, उस स्वप्न को मूर्त रूप देने के लिए देश को निरंतर ऊर्जा देने वाला ये एक तरह से आराध्य स्थल है- मोदी
विश्वभारती, माँ भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवतार है- मोदी
भारत इंटरनेशनल सोलर एलायंज के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए विश्व में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है- मोदी
मेरी लिए भी ये सौभाग्य की बात है कि आज के दिन इस तपोभूमि का पुण्य स्मरण करने का अवसर मिल रहा है- मोदी
विश्व भारती की 100 साल की यात्रा बहुत विशेष है. विश्व भारती मां भारती के लिए गुरुदेव के चिंतन, दर्शन और परिश्रम का एक साकार अवितार है- मोदी
आज इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनिवर्सिटी के छात्रों को मंत्र देंगे.
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी का दौरा किया था.
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में शामिल होंगे.
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