logo-image

PM मोदी का आलोचकों को जवाब, सही काम करने वालों से नफरत करते हैं सही बात करने वाले और...

ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनियाभर के शरणार्थियों के लिए अधिकारों की बात करने वाला यही गैंग आज पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के भारत के कदम का विरोध कर रहा है.

Updated on: 06 Mar 2020, 09:43 PM

नई दिल्‍ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि शुक्रवार को उनकी सरकार के नए नागरिकता कानून (CAA) और जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने जैसे फैसलों की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लिया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘सही बात’ करने वाले आज उन लोगों से चिढ़ते हैं जो ‘सही चीजें करने की राह’ पर आगे बढ़ रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःयस बैंक पर निर्मला सीतारमण की प्रेसवार्ता पर पी चिदंबरम का निशाना, बोले- सरकार ने RBI से बात के अलावा...

ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दुनियाभर के शरणार्थियों के लिए अधिकारों की बात करने वाला यही गैंग आज पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के भारत के कदम का विरोध कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह गैंग संविधान की बात करता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के अस्थायी प्रावधान को समाप्त करने और भारतीय संविधान को पूरी तरह से अमल में लाने का विरोध करता है. उन्होंने कहा कि सही चीजों को लेकर बात करना गलत नहीं है, लेकिन इन लोगों के मन में उनके लिए खास जरी कि चिढ़ है जो सही चीजें कर रहे हैं. ऐसे में जब यथास्थिति को समाप्त कर उसमें बदलाव लाया जाता है तो उन्हें इसमें गड़बड़ी दिखती है.

रेरा कानून से रीयल एस्टेट क्षेत्र को कालेधन से बचाने में मदद मिली

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का विकास और कामकाज का संचालन सुविधा का विषय नहीं है, यह दृढ़ निश्चय की बात है. उन्होंने कहा कि हमें सही चीज करने को लेकर दृढ़ विश्वास है. हम यथा स्थिति को दूर करने को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सरकारी सब्सिडी के लाभार्थियों के खातों में सीधे अंतरण से हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है. इसी तरह रेरा कानून से रीयल एस्टेट क्षेत्र को कालेधन से बचाने में मदद मिली है.

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाकर यथास्थिति को तोड़ा: पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि हमने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाकर यथास्थिति को तोड़ा है. इससे हमारे सैन्य बलों की सहक्रियता और तालमेल बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि भारत सतत वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है. अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि राजमार्गों के निर्माण की रफ्तार को बढ़ाकर प्रतिदिन 30 किलोमीटर किया गया है. पहले यह 12 किलोमीटर प्रतिदिन था.

पीएम मोदी ने कहा कि विचारों के इस प्रवाह में जो कॉमन थ्रेड (Common Thread) है, वो है - ‘Collaborate To Create’. Sustainable Growth के लिए ‘Collaborate To Create’ का ये विजन, आज की आवश्यकता भी है और भविष्य का आधार भी है. ये विजन अचानक बीते कुछ वर्षों के विचारों से निकलकर आया हो, ऐसा भी नहीं है. विघटन से क्या-क्या नुकसान होता है, इसका दुनिया को अनुभव है. जब साथ चले तो संभल गए, जब आमने-सामने हुए तो बिखर गए.

प्रधानमंत्री ने समित में यह भी कहा कि एक दौर ऐसा था जब एक खास वर्ग के Predictions के अनुसार ही चीजें चला करती थीं. जो राय उसने दे दी, वही फाइनल समझा जाता था, लेकिन टेक्नोलॉजी (Technology) के विकास से और Discourse के ‘Democratization’ से, अब आज समाज के हर वर्ग के लोगों की Opinion Matter करती है.

यह भी पढ़ेंःDelhi Violence: ताहिर हुसैन को 7 दिन की पुलिस कस्टडी, अब दिल्ली हिंसा की सच्चाई आएगी सामने

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारी ‘Collaborate To Create’ की spirit को test करने के लिए उसे और मज़बूत करने के लिए हर युग में नई नई चुनौतियां सामने आती हैं. आज “COVID-19 नोवल करोंना वाइरस” के रूप में एक बहुत बड़ा चैलेंज दुनिया के सामने है. हमारे सामने मार्ग था कि पहले से जो चलता आ रहा है, उसी मार्ग पर चलें या फिर अपना नया रास्ता बनाएं, नई approach के साथ आगे बढ़ें. हमने नया मार्ग बनाया, नई approach के साथ आगे बढ़े और इसमें सबसे बड़ी प्राथमिकता दी- लोगों की Aspirations को.

हमारे एयरपोर्ट्स अब 34 करोड़ से ज्यादा को हैंडल कर रहे

पीएम मोदी ने कहा कि 6 साल पहले हमारे एयरपोर्ट्स करीब 17 करोड़ यात्रियों को हैंडल करते रहे, अब 34 करोड़ से ज्यादा को हैंडल कर रहे हैं. 6 वर्ष पहले हमारे मेजर पोर्ट्स (Major Ports) पर कार्गो हैंडलिंग 550 मिलियन टन के आसपास थी, अब ये बढ़कर 700 मिलियन टन के आसपास पहुंच गई है. कुछ वर्ष पहले आए दिन रेलवे क्रासिंग पर हादसों की खबर आती थी, क्योंकि 2014 से पहले देश में ब्रॉडगेज लाइन पर करीब 9 हजार मानव रहित रेलवे क्रासिंग थी. 2014 के बाद हमने अभियान चलाकर ब्रॉडगेज लाइन को मानव रहित क्रासिंग से पूरी तरह मुक्त कर दिया.

पिछले 6 वर्ष में रेलवे कोच में सवा 2 लाख से भी अधिक बायो टॉयलेट बनवाए

उन्होंने कहा कि पहले की सरकार के समय 3 वर्ष में रेलवे में 9,500 बायो टॉयलेट बने थे. हमारी सरकार ने पिछले 6 वर्ष में रेलवे कोच में सवा 2 लाख से भी अधिक बायो टॉयलेट बनवाए. इकोनॉमिक हो या सोशल, आज देश परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है. बीते कुछ वर्षों में भारत ग्लोबल इक्नॉमी सिस्टम (Global Economy System) का और भी मजबूत अंग बना है. अभी हाल ही में भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है. जब 2014 में जब हम आए थे तो हम 11वें स्थान पर थे.

अर्थव्यवस्था के ज्यादा सेक्टरों को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल दिए गए

पीएम मोदी ने कहा कि ये भी एक अनुभव रहा है कि जिस क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को Compete करने की छूट दी जाती है, वो तेजी से आगे बढ़ता है, इसलिए हमारी सरकार अर्थव्यवस्था के ज्यादा से ज्यादा सेक्टर्स को प्राइवेट सेक्टर के लिए खोल रही है. बैंकिंग हो, एफडीआई (FDI) पॉलिसीज हों, या फिर नेचुरल रिसोर्से (Natural Resources) का Allotment, क्रोनिज्म को हर जगह से हटाया जा रहा है. हमने ध्यान दिया है – सरलीकरण (Simplification) पर, युक्तिकरण (Rationalization) पर, पारदर्शिता (Transparency) पर.