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कोरोना वायरस पर बोले पीएम मोदी-  लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया, इसलिए...

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया है. हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतीयों ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है.

Updated on: 21 Oct 2020, 06:18 AM

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर देश को संबोधित किया है. कोरोना काल के बीच प्रधानमंत्री अब तक देशवासियों से कई बार ऐसे रूबरू हो चुके हैं, जिसमें कई बड़े ऐलान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारतीयों ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है. समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में भी धीरे-धीरे तेजी नजर आ रही है.
 
पीएम मोदी ने कहा कि हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है. हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है. 
 
उन्होंने कहा कि बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है और अधिक सुधार करना है. भारत में प्रति मिलियन जनसंख्या पर मृत्यु दर 83 है. इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और ब्राजील जैसे कई देशों में यह संख्या 600 से अधिक है. भारत अन्य समृद्ध देशों की तुलना में अपने नागरिकों के जीवन को बचाने में सफल रहा है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, Fatality Rate कम है. दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है. कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे doctors, nurses, health workers इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं. इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है. ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है. 

उन्होंने आगे कहा कि अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है. ये ठीक नहीं है. अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं.