प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता में शनिवार को ओल्ड करेंसी भवन में दर्शनी और कला दीर्घाओं का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है.
1.सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'केंद्र सरकार का ये प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखे, ताकि भारत दुनिया में हैरिटेज टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनकर उभरे. हैरिटेज टूरिज्म का पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश के पर्यटन उद्योग को मजबूत करने में बहुत बड़ा रोल होगा.'
2.ऐतिहासिक भवनों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि देश की इच्छा रही है कि अपने सांस्कृतिक प्रतिकों का संरक्षण और आधुनिकरण हो. इसी भावना के साथ जुड़ते हुए केंद्र सरकार देश की ऐतिहासिक इमारतों को नवीनीकरण कर रही है. इसकी शुरुआत कोलकाता, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, वाराणसी की धरोहरों से की जा रही है.'
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3.देश के प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'देश के 5 Iconic Museums को International Standard का बनाया जाएगा. इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक, Indian Museum Kolkata से की जा रही है.'
4.नेताजी को याद करते हुए पीएम ने कहा, 'जब आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला. नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है.'
5.उन्होंने आगे सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी हम सभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जन्म जयंती मना रहे हैं. इसी तरह 2022 में जब भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होंगे, तब एक और सुखद संयोग बन रहा है.
6.राजा राममोहन राय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2022 में महान समाज सुधारक और शिक्षाविद राजा राममोहन राय की 250वीं जन्म जयंती आने वाली है. उनके 250वें जन्म जयंती वर्ष को एक वर्ष की तरह हम मनाएं, ये हम सबका कर्तव्य है.
7.नरेंद्र मोदी ने कहा, 'गुरुदेव टैगोर ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि 'भारत का इतिहास वो नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं, कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मरता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा, ये भारत का इतिहास नहीं है.'
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8.टैगोर के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, 'गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था आंधी और तूफान का. उन्होंने लिखा था कि चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया.'
Source : News Nation Bureau