शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लेने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के दौरे पर जाएंगे। एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के अलावा पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच एक महीने के भीतर दूसरी मुलाकात होगी। बता दें कि भारत साफ तौर पर इंडो-पैसिफिक मुद्दे पर अपने सभी विकल्प खुला रखना चाहता है।
चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा, 'वो पिछली बार हुई अपनी अनौपचारिक वार्ता को ही आगे बढ़ाएंगे।'
दोनों देशों के बीच रिश्तों को लेकर बंबावले ने कहा, 'वुहान में हुए बैठक के बाद भारत और चीन के रिश्तों में काफी सुधार देखने को मिला है। हमलोग डोकलाम विवाद को पीछे छोड़कर काफी आगे बढ़ चुके हैं।'
बैठक को लेकर पीएम मोदी की कोशिश होगी कि एससीओ में भारत का एजेंडा पेश करें। भारत चाहता है कि आतंकवाद के मुद्दे पर यह संगठन बेहद सख्त रुख अपनाए।
इस बैठक में पाकिस्तान भी शामिल होगा इसलिए भारत के लिए आतंकवाद का मुद्दा उठाना और इस पर चर्चा करवाना ज्यादा अहम माना जाएगा।
भारत और पाकिस्तान पिछले साल ही इसके सदस्य बने हैं और पहली बार इसके पूर्ण सदस्य के रूप में भाग ले रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau