PM मोदी आज प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन का करेंगे शुभारंभ
इस योजना के जरिये मरीज अपने स्वास्थ्य का रिकार्ड सुरक्षित रख सकेंगे और इसे अपनी पसंद के डाक्टरों और स्वास्थ्य संस्थानों के साथ साझा कर सकेंगे.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 सितंबर को प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन (पीएमडीएचएम) का शुभारंभ करेंगे. इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्वास्थ्य प्रणाली बनाना है. इस योजना के जरिये मरीज अपने स्वास्थ्य का रिकार्ड सुरक्षित रख सकेंगे और इसे अपनी पसंद के डाक्टरों और स्वास्थ्य संस्थानों के साथ साझा कर सकेंगे. सरकार इस मिशन के तहत हर किसी का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाएगी. यानी आधार कार्ड. और ठीक आधार नंबर की तरह आपको एक यूनिक आइडेंटिटी नंबर मिलेगा. इसी नंबर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी और डॉक्टर इसी नंबर से उस व्यक्ति का पूरा रिकॉर्ड जानेंगे.पीएम-डीएचएम का लक्ष्य टेक्नोलाजी के माध्यम से भारत में हेल्थ सर्विसेज में सुधार लाना है.हेल्थकेयर डाटा के बेहतर एक्सेस से यह संभव हो पाएगा.पायलट प्रोजेक्ट पहले ही छह केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, लद्दाख, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में लागू किया जा चुका है.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर को "प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन" का शुभारंभ करेंगे. पीएम-डीएचएम एक सहज ऑनलाइन मंच तैयार करेगा जो डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर अंतःक्रियाशीलता को सक्षम करेगा."
PM Narendra Modi to launch Pradhan Mantri Digital Health Mission on September 27. PM-DHM will create a seamless online platform that will enable interoperability within the digital health ecosystem: Prime Minister's Office
— ANI (@ANI) September 26, 2021
(file photo) pic.twitter.com/PQnelojsjC
प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना है.यह सभी नागरिकों को स्वास्थ्य आइडी के जरिये वैश्विक स्वास्थ्य कवरेज मुहैया कराएगा.अन्य बातों के अलावा इससे टेलीमेडिसीन और ई-फार्मेसी जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी.स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इससे लोगों को प्रभावी, समावेशी, सस्ती और सुरक्षित स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी.इसका उद्देश्य हेल्थ आइडी, डाक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए विशिष्ट पहचानकर्ता, पर्सनल हेल्थ रिकार्ड, टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी के साथ एक नेशनल डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है.
सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि जब आप डॉक्टर को दिखाने जाएंगे तो फाइल ले जाने से छुटकारा मिलेगा. डॉक्टर या अस्पताल रोगी की यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे. उसी आधार पर आगे का इलाज भी शुरू हो सकेगा. ये कार्ड ये भी बताएगा कि आप किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं या फिर आपको आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलता है या नहीं.
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