PM मोदी आज जल शक्ति अभियान की करेंगे शुरूआत, कई जिलों को मिलेगी सूखे से राहत
विश्व जल दिवस पर 22 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी जल शक्ति अभियान का शुभारंभ करेंगे. इस अभियान को ‘Jal Shakti Abhiyan:Catch the Rain’ नाम दिया गया है. इससे यूपी और एमपी के कई जिलों को सूखे से राहत मिलेगी.
highlights
- बुंदेलखंड के इलाके को मिलेगा योजना का सबसे अधिक लाभ
- 22 मार्च से 30 नवंबर तक चलाया जाएगा अभियान
- केन बेतवा लिंक परियोजना को लागू करने के समझौते पर होंगे हस्ताक्षर
नई दिल्ली:
विश्व जल दिवस (World Water Day) के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मार्च को जल शक्ति अभियान (Jal Shakti Abhiyan) 2021 की शुरुआत करेंगे. इस अभियान का थीम वेयर इट फॉल्स, वैन इट फॉल्स होगा. ये अभियान 22 मार्च से 30 नवंबर तक चलेगा. दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान की लॉन्चिंग की जाएगी. इसमें पीएम मोदी की मौजूदगी में केन बेतवा लिंक परियोजना को लागू करने के लिए ऐतिहासिक Memorandum of Agreement पर भी साइन किया जाएगा. जिसमें केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री साइन करेंगे. नदियों को जोड़ने के संदर्भ को लेकर यह पहला अभियान है.
इस दौरान सभी शहरी और ग्राणीण क्षेत्रों के लोगों को जागरुक किया जाएगा और ये बताया जाएगा की किस तरह से वह जल बचाकर अपने भविष्य को बेहतर कर सकते हैं. इसे लोगों की भागीदारी के माध्यम से जमीनी स्तर पर जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन के रूप में लॉन्च किया जाएगा. इसका उद्देश्य सभी हितधारकों को बारिश के पानी के भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए जलवायु परिस्थितियों और उप-समतल क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बारिश का पानी संरक्षित करना है.
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क्या है अभियान
यह अभियान ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जाएगा. इसका उद्देश्य बारिश के पानी का संचय करना है. 22 मार्च 2021 से 30 नवंबर 2021 तक पूरे देश में मॉनसून से पहले और मॉनसून के दौरान यह अभियान चलाया जाएगा. जिसमें लोगों की भागीदारी के जरिए जमीनी स्तर पर जल संरक्षण लिए आंदोलन के रूप में इसे शुरू किया जाएगा. इस अभियान का उद्देश्य सभी के लिए बारिश के पानी का स्टोरेज करना है.
ग्राम सभाएं लेंगी 'जल शपथ'
आयोजन के बाद पानी और जल संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए सभी जिले की ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित की जाएंगी. वहीं जल संरक्षण के लिए ग्राम सभाएं 'जल शपथ' भी लेंगी. जिन राज्यों में चुनाव हो रहा है वहां इस अभियान का आयोजन नहीं किया जाएगा.
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'केन बेतवा लिंक परियोजना'
यह समझौता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के विजन से प्रभावित हैं. जिसमें जहां की नदियों में ज्यादा पानी है उससे कम पानी और सूखा प्रभावित इलाकों में पानी लाया जाएगा. इस परियोजना में दाउधन बांध बनाकर केन से बेतवा नदी तक पानी लाया जाएगा. वहीं दोनों नदियों के बीच एक नहर भी बनाया जाएगा. इसमें Lower ORR प्रोजेक्ट भी है जिसमें कोथा बैराज और बीणा कॉम्पलेक्स का बहुउ्द्देशीय प्रोजेक्ट हैं. जिससे सालाना करीब 10.62 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी. वहीं 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावट हाइड्रोपावर भी पैदा किया जाएगा.
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