मोदी का इजरायल दौरा फिलिस्तीन पर भारतीय रुख का त्याग: सीपीएम
सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इज़राइल दौरे ने लंबे समय से भारत द्वारा फिलिस्तीन को दिए जा रहे समर्थन को समाप्त कर दिया है| भारत, हमेशा से इस बात को मानता रहा है कि इज़राइल ने फिलिस्तीन के क्षेत्रों पर कब्जा कर रखा है और यह हालिया दौरा फिलिस्तीन को समर्थन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का अंत है।
सीपीएम ने कहा, 'संयुक्त बयान में इज़राइल के साथ रणनीतिक भागीदारी की घोषणा फिलिस्तीन राष्ट्र के समर्थन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को खत्म करता है।"
लेफ्ट पार्टी ने एक बयान में कहा, 'मोदी के रामाल्ला न जाने और फिलिस्तीन सरकार से मुलाकात न करने से ही यह साफ हो गया था। पूरे दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत के रुख के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।'
PM Narendra Modi's visit to Israel is a complete departure from our policy of support to the Palestinian cause: Prakash Karat, CPI (M) pic.twitter.com/PiyFTGjypx
— ANI (@ANI_news) July 6, 2017
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बयान के मुताबिक, 'संयुक्त बयान में सभी रूपों में आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग की बात कही गई है, जबकि यह सभी जानते है और जहां तक इजराइल की बात है, तो अवैध कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले फिलिस्तीनी संगठनों को ही आतंकवादी करार दिया गया है।'
सीपीएम ने कहा, 'बीजेपी सरकार का इज़रायल के साथ गठजोड़ साम्राज्यवाद समर्थक विदेश नीति का उदहारण है। सीपीएम मांग करती है कि इज़रायल के साथ तमाम सुरक्षा व सहयोग को तुरंत खत्म किया जाए।'
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Source : IANS