अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने पाकिस्तान और चीन को भड़का दिया है। साथ ही ट्रंप के साथ मोदी की मुलाकात रणनीतिक रूप से कामयाब होती नजर आ रही है।
चीनी के सरकारी अखबार ने जहां भारत को अमेरिका के साथ मिलकर उसके खिलाफ मोर्चा बनाने की कोशिशों के एवज में विनाशकारी नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है वहीं पाकिस्तान सीधे-सीधे हिजबुल मुजाहिद्दी के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को 'वैश्विक आतंकी' घोषित किए जाने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ उतर आया है।
ग्लोबल टाइम्स को चीन की सरकार का मुखपत्र माना जाता है। मोदी-ट्रंप की मुलाकात के बाद ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है, 'चीन के बढ़ते प्रभाव से अमेरिका और भारत चिंतित हैं। हाल के दिनों में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए वाशिंगटन ने भारत के साथ अपने संबंध में सुधार किया है।'
लेख में भारत को चीन के खिलाफ वाशिंगटन का मोहरा नहीं बनने की चेतावनी दी है।
अखबार ने लिखा है, 'चीन के खिलाफ मोर्चा बनाना भारत के लिए हित में नहीं है। इसका 'विनाशकारी नतीजे' हो सकते हैं। लेख में कहा गया है भारत अपनी गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत से किनारा करते हुए अमेरिका के पक्ष में झुक रहा है, जो ठीक नहीं है।
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वहीं अमेरिका के भारत को 22 गार्जियन ड्रोन की बिक्री को मंजूरी दिए जाने के फैसले से चीन बौखला गया है।
गार्जियन ड्रोन भारत की निगरानी क्षमता को बेहतर करेगा। यह ड्रोन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर की करीब से निगरानी करने में सक्षम हो जाएगा। गार्जियन ड्रोन डील भारत के लिए फाइटर जेट से ज्यादा अहम माना जा रहा है।
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गौरतलब है कि मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले अमेरिकी थिंक टैंक ने अमेरिकी प्रशासन को चीन को काबू में करने के लिए भारत के साथ भागीदारी बढ़ाने की सलाह दी थी।
हाल के दिनों में उत्तर कोरिया संकट की वजह से अमेरिका चीन से नजदीकियां बढ़ाने में लगा हुआ है लेकिन अमेरिकी थिंक टैंक ने दुनिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए वाशिंगटन को भारत की जरूरत बताया था।
अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल ने भारत को इस पूरी रणनीति में 'बेहद अहम' बताते हुए ट्रंप प्रशासन से नई दिल्ली के साथ संबंधों में प्राथमिकता बरते जाने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा से ठीक पहले जारी इस रिपोर्ट में कहा गया था, 'चीन ने जिस तरह से आर्थिक और सैन्य क्षेत्र में बढ़त बनाई है, वैसी स्थिति में वैश्विक और क्षेत्रीय वर्चस्व बनाने के लिए अमेरिका को बड़े संसाधन की जरूरत होगी।'
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वहीं पाकिस्तान के लिए मोदी का अमेरिका दौरा ज्यादा चिंतित करने वाला रहा। मोदी और ट्रंप की मुलाकात के बाद साझा घोषणापत्र में पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल दूसरे देशों पर आतंकी हमलों के लिए नहीं होने दे।
संयुक्त बयान में पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों द्वारा मुंबई, पठानकोट तथा भारत में सीमा पार से किए गए अन्य आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने की इस्लामाबाद से अपील की गई है।
बयान के मुताबिक भारत और अमेरिका 'अल-कायदा, इस्लामिक स्टेट (आईएस), जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, डी-कंपनी तथा इनसे संबद्ध अन्य समूहों से आतंकवादी खतरों के खिलाफ सहयोग प्रगाढ़ करने को प्रतिबद्ध हैं।'
'ग्लोबल आतंकी' सैयद सलाहुद्दीन के बचाव में उतरा पाकिस्तान
वहीं हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान उसके बचाव में उतर आया है। अमेरिका के इस फैसले को अनुचित बताते हुए पाकिस्तान ने कहा कि जो व्यक्ति कश्मीर के लोगों के 'आत्मनिर्णय के अधिकार' को समर्थन देता रहा है उसे आतंकी बताना सही नहीं है।
हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में सैयद सलाहुद्दीन का नाम नहीं लिया गया। इस बीच पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मोहम्मद मसूद खान ने भी 'ट्रंप-मोदी गठजोड़' को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक बताया है।
पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति का बयान, 'ट्रंप-मोदी गठजोड़' क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा
HIGHLIGHTS
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने पाकिस्तान और चीन को भड़का दिया है
- चीन ने अमेरिका के साथ मिलकर उसे घेरने की रणनीति के बदले में विनाशकारी नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है
- वहीं अमेरिका की तरफ से हिजबुल सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान उसके बचाव में उतर आया है
Source : Abhishek Parashar