logo-image

पीएम मोदी ने ओलंपिक भारतीय योद्धाओं से कहा- विजयी भवः, विजयी भवः, जानें 10 बड़ी बातें

‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहां सकारात्मकता है, संवेदनशीलता है. ‘मन की बात’ में हम सकारात्मक बातें करते हैं, इसका Character collective करते हैं. मन की बात कार्यक्रम का यह 79वां संस्करण था. चलिए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी की दस बड़ी बातें.

Updated on: 25 Jul 2021, 12:02 PM

highlights

  • 'कोरोना अभी गया नहीं, त्योहार-पर्व मनाते समय रखें याद'
  • ‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं है'
  • ‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहां सकारात्मकता है, संवेदनशीलता है

 

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' (Mann ki Baat) के जरिए देश को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने भारतीय एथलीट दल को शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के तिरंगे लेकर चले तो पूरा देश गौरवान्वित हो गया. पीएम ने कहा कि ‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहां सकारात्मकता है, संवेदनशीलता है. ‘मन की बात’ में हम सकारात्मक बातें करते हैं, इसका Character collective करते हैं. मन की बात कार्यक्रम का यह 79वां संस्करण था. चलिए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी की दस बड़ी बातें.

    1. दो दिन पहले की अद्भुत तस्वीरें, यादगार पल, अब भी मेरी आंखों के सामने हैं. टोक्यो ऑलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को तिरंगा लेकर चलता देखकर मैं ही नहीं, पूरा देश ही रोमांचित हो उठा. पूरे देश ने जैसे अपने इन योद्धाओं से कहा- विजयी भवः, विजयी भवः
    2. जब ये खिलाड़ी भारत से गए थे, तो मुझे भी इनसे गप-शप करने का, उनके बारे में जानने का और देश को बताने का अवसर मिला था. ये खिलाड़ी जीवन की अनेक चुनौतियों को पार करके यहां पहुंचे हैं.
    3. आप लोगों से मिले सुझाव ही मन की बात की असली ताकत है. आपके सुझाव ही मन की बात के माध्यम से भारत की विविधता को प्रकट करते हैं.
    4. कुछ दिन पहले MyGov की ओर से मन की बात के श्रोताओं को लेकर एक study की गई. Study के बाद सामने आया कि संदेश और सुझाव भेजने वालों में से करीब 75% 35 वर्ष से कम आयु के लोग होते हैं.
    5. ‘मन की बात’ एक ऐसा माध्यम है जहां सकारात्मकता है, संवेदनशीलता है. ‘मन की बात’ में हम सकारात्मक बातें करते हैं, इसका Character collective करते हैं.
    6. बात जब आजादी के आंदोलन और खादी की हो तो पूज्य बापू का स्मरण होना स्वाभाविक है. जैसे बापू के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ चला था, वैसे ही आज हर देशवासी को भारत जोड़ो आंदोलन का नेतृत्व करना है.
    7. देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में, हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है. ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी, जुड़े हुए हैं. आपके छोटे-छोटे प्रयास बुनकरों में एक नई उम्मीद जगाएंगे.
    8. ‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है. यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है. कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है.
    9. इस बार 15 अगस्त को देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं.
    10. जो देश के लिए तिरंगा उठाता  है, उसके सम्मान में, भावनाओं से भर जाना स्वाभाविक ही है. कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है.