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कुछ राज्यों में हालात चिंताजनक, तेजी से बढ़ रहे कोरोना केस : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के हालात से निपटने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर चर्चा कर रहे हैं.

Updated on: 08 Apr 2021, 11:48 PM

highlights

  • 'यह हम सभी के लिए चिंताजनक और गंभीर चिंता का विषय है'
  • 'कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना जरूरी है'
  • 'हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और संसाधन हैं और वैक्सीन भी हमारे पास है'

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के हालात से निपटने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसमें कोरोना के बढ़ते मामलों की रोकथाम को लेकर चर्चा कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों ने पहली लहर के शिखर को पार कर लिया है. कुछ अन्य राज्य भी इस ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. यह हम सभी के लिए चिंताजनक और गंभीर चिंता का विषय है. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना जरूरी है. तमाम चुनौतियों के बाद भी हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और संसाधन हैं और वैक्सीन भी हमारे पास है.

पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग में कहा कि आज हम जितनी ज्यादा वैक्सीन की करते हैं, इससे ज्यादा हमें टेस्टिंग पर बल देने की जरूरत है. टेस्टिंग और ट्रेकिंग की बहुत बड़ी भूमिका है. टेस्टिंग को हमें हल्के में नहीं लेना होगा. कोविड मैनेजमेंट का एक बहुत बड़ा पार्ट vaccine wastage को रोकना भी है. vaccine को लेकर राज्य सरकारों की सलाह, सुझाव और सहमति से सही देशव्यापी रणनीति बनी है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जाना चाहिए. हम टेस्टिंग भूलकर वैक्सीन पर चले गए हैं. हमने लड़ाई सिर्फ टेस्टिंग से जीती थी, तब वैक्सीन नहीं थी. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना ऐसी चीज है जिसे जबतक आप बाहर से लेकर नहीं आएंगे, तबतक वह नहीं आएगा. इसलिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग बढ़ाने की जरूरत है. हमने पिछली बार कोविड का आंकड़ा 10 लाख ऐक्टिव केसेज से सवा लाख से नीचे लाकर दिखा दिया था. यह जिस रणनीति पर चलते हुए संभव हुआ वह आज भी उतना ही सटीक है. तब संसाधन भी कम थे मगर आज संसाधन भी ज्यादा है और अनुभव भी ज्यादा है. इसलिए हम इस बार पीक को बहुत तेजी से नीचे ला सकते हैं. अनुभव कहता है कि टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर और कोविड मैनेजमेंट...इन्हीं चीजों पर हमें बल देना है.