कृषि कानूनों पर 'झूठ' और 'सच' से प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को कराया रूबरू, पढ़िए पूरा भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज किसानों से रूबरू हुए. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों को संबोधित किया.
नई दिल्ली:
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 23वें दिन में प्रवेश कर चुका है. कड़ाके ठंड और खुले आसमान के नीचे हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर रात-दिन बैठे हैं. किसानों की मांग सीधे तौर पर कानूनों को रद्द किए जाने की है और अब उनमें संशोधन किए जाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन सरकार कानून में संशोधन के लिए राजी है. हालांकि सरकार कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. इस तरह से दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं. इन सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज किसानों से रूबरू हुए. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों को संबोधित किया.
अभी 25 दिसंबर को, श्रद्धेय अटल जी की जन्मजयंती पर एक बार फिर मैं इस विषय पर और विस्तार से बात करूंगा. उस दिन पीएम किसान सम्मान निधि की एक और किस्त करोड़ों किसानों के बैंक खातों में एक साथ ट्रांसफर की जाएगी- मोदी
किसानों को कोई आशंका है तो हम सिर झुकाकर, नम्रता के साथ किसानों के हित में उनकी समस्या का निराकरण करने के लिए हर वक्त तैयार हैं- मोदी
फार्मिंग एग्रीमेंट में सिर्फ फसलों या उपज का समझौता होता है. जमीन किसान के ही पास रहती है, एग्रीमेंट और जमीन का कोई लेना-देना ही नहीं है. नए कानूनों को न सिर्फ देश के किसानों ने गले लगाया है, बल्कि भ्रम फैलाने वाले विरोधी दलों को भी जवाब दिया है- मोदी
फार्मिंग एग्रीमेंट को लेकर भी झूठ फैलाया जा रहा है. यह एग्रीमेंट पहले भी होते रहे हैं. पहले किसानों को जोखिम होता था. लेकिन नए कानून के तहत इस एग्रीमेंट में किसान सबसे ऊपर हैं- मोदी
किसानों को सिर्फ मंडियों से बांधकर पाप किया गया, ये नए कृषि कानून इसका पर्याश्चित कर रहे हैं- मोदी
70 सालों से सरकारें यही बताती रही हैं कि आप सिर्फ इसी मंडी में फसलें बेच सकते हो. लेकिन हम यह कानून लाए हैं कि किसान को जहां लाभ मिलेगा वहां फसल बेच सकता है, चाहे मंडी में बेच सकता है और चाहे बाहर बेच सकता है- मोदी
आज दाल के किसानों को ज्यादा पैसा मिल रहा, दालों की कीमत भी कम हुई है, उससे गरीबों को फायदा है- मोदी
राजनीति के लिए किसानों का इस्तेमाल करने वाले लोगों ने कैसा बर्ताव किया, इसका एक और उदाहरण देखिए- किसान परेशान था और वो मौज ले रहे थे. उन्हें विदेश से दाल मंगवाने में मजा आता था- मोदी
हमारी सरकार ने न सिर्फ एमएसपी में बढ़ोतरी की, बल्कि पहले के मुकाबले ज्यादा फसल को खरीदा है- मोदी
हमारी सरकार एमएसपी समय समय पर बढ़ाने को तवज्जो देती रही है. हमारा लक्ष्य रहा है कि एमएसपी पर ज्यादा से ज्यादा खरीद की जाए- मोदी
पहले जैसे एमएसपी दी जाती थी, वैसे ही दी जाती रहेगी. एमएसपी चल रही है और चलती रहेगी- मोदी
किसानों के बीच बार-बार एक झूठ को सबसे ज्यादा बोला जा रहा है. अगर हमें एमएसपी हटानी होती है तो हम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं करते- मोदी
हमारी सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वो पूरी तरह से किसानों को समर्पित हैं, उन्हें गिनाएं तो समय कम पड़ जाएगा- मोदी
हमारी सरकार ने जो पीएम-किसान योजना शुरू की है, उसमें हर साल किसानों को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे यानि 10 साल में लगभग साढ़े 7 लाख करोड़ रुपये. किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर. कोई लीकेज नहीं, किसी को कोई कमीशन नहीं - पीएम
किसान सोचता था कि अब तो पूरा कर्ज माफ होगा और बदले में उसे मिलता था बैंकों का नोटिस और गिरफ्तारी का वॉरंट. कर्जमाफी का सबसे बड़ा लाभ किसे मिलता था? इन लोगों के करीबियों को- पीएम
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद क्या-क्या बहाने बताए गए. ये मध्य प्रदेश के किसान मुझसे भी ज्यादा अच्छी तरह जानते हैं. राजस्थान के लाखों किसान भी आज तक कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं- मोदी
किसानों को सोलर पंप देने का अभियान चला रहे हैं. हम अपने अन्नदाता को ऊर्जा दाता भी बनाने का काम कर रहे हैं- मोदी
हमारे देश में किसानों के साथ धोखाधड़ी का बहुत ही बड़ा उदाहरण है, कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई कर्जमाफी. जब 2 साल पहले मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले थे तो 10 दिन के भीतर कर्जमाफी का वादा किया गया था. कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ- मोदी
हमने यूरिया की कालाबाजारी रोकी. हमने सुनिश्चित किया कि यूरिया किसानों के खेतों तक पहुंचे- मोदी
यूरिया की जमकर कालाबाजारी होती थी. किसान की फसल बर्बाद हो जाती थी. लेकिन इन लोगों का दिल नहीं पसीजता था- मोदी
सरकार बार-बार पूछ रही है, पब्लिक में, मीटिंग में पूछ रही है कि आपको कानून के किस क्लोज में दिक्कत है, तो उन राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता, यही इन दलो की सच्चाई है- पीएम
वोटबैंक की राजनीतिक करने वाले लोगों को देश भलि भांति जान गया है. उन्हें पहचान गया है- मोदी
वो चुनावों से पहले कर्जमाफी की बात करते. राजनीति के लिए किसानों का इस्तेमाल किया गया- मोदी
किसानों को जमीन जाने का डर दिखाया जा रहा है. वो किसानों के कंधे पर रखकर बंदूक चला रहे हैं- मोदी
किसानों की बातें करने वाले लोग, झूठे आंसू बहाने वाले लोग, कितने सही हैं, इसका सबूत है स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट है, जिसे ये दबाकर बैठे रहे- मोदी
आज जो किसानों के नाम पर आंदोलन चलाने निकले हैं, उन्होंने सरकार में रहते क्या किया था, उसके बारे में किसानों और देश की जनता को याद रखना चाहिए- मोदी
जब हम राजनीतिक दलों से पूछते हैं कि कृषि कानूनों से क्या ऐतराज है, तो राजनीतिक दलों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता है- मोदी
कृषि कानूनों को लेकर मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए. मुझे किसानों के जीवन में सुधार चाहिए, आधुनिकता चाहिए- मोदी
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग अपने घोषणापत्र में उन्हीं वादों को करते रहे और लेकिन वो वादों से मुकरते रहे.
किसानों के लिए जो कानून बने, उनकी आजकल बहुत चर्चा है. ये कानून रातों-रात नहीं आए हैं. पिछले 22 साल से सभी सरकारों ने व्यापक चर्चा की है. सभी संगठनों ने इस पर विमर्श किया है. किसानों के संगठन से लेकर कृषि वैज्ञानिक तक सभी कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आए हैं- मोदी
तेजी से बदलते परिदृश्य में भारत का किसान असुविधाओं के अभाव में पीछे रह जाए, ये स्वीकार नहीं है- मोदी
किसान कितनी भी मेहनत कर ले, फल, सब्जियां और फसल का सही भंडारण न हो तो किसान ही नहीं, पूरे देश का बड़ा नुकसान होता है- पीएम मोदी
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