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पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के मसले को लेकर वामदलों कांग्रेस पर साधा निशाना

एपीएमसी के मसले को लेकर प्रधानमंत्री ने इन दलों से कहा, पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, तो केरल के अंदर यह व्यवस्था नहीं है और अगर यह व्यवस्था अच्छी है तो फिर केरल के अंदर क्यों नहीं है.

Updated on: 26 Dec 2020, 06:19 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों के मसले को लेकर शुक्रवार को वामपंथी दलों और कांग्रेस पर सीधा निशाना साधा. विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके शासनकाल में किसानों की अनदेखी की गई, लेकिन आज जब कृषि क्षेत्र में सुधार हो रहा है तो वे रोड़े अटका रहे हैं. वाम दलों और कांग्रेस पर किसानों को आंदोलन के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, वो झंडे वाले जिन्होंने बंगाल को बर्बाद किया, केरल में उनकी सरकार है और इसके पहले देश में 50 साल राज करने वालों की सरकार थी, लेकिन केरल में एपीएमसी मंडियां नहीं हैं. मैं जरा इनसे पूछता हूं कि यहां फोटो निकालने का कार्यक्रम करते हैं, तो केरल में आंदोलन करके वहां तो मंडियां खुलवाएं.

एपीएमसी के मसले को लेकर प्रधानमंत्री ने इन दलों से कहा, पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास समय है, तो केरल के अंदर यह व्यवस्था नहीं है और अगर यह व्यवस्था अच्छी है तो फिर केरल के अंदर क्यों नहीं है. मोदी ने वामदलों और कांग्रेस से सवालिया लहजे में कहा, क्यों आप दोगली नीति को लेकर चल रहे हैं? यह किस तरह की राजनीति कर रहे हैं, जिसमें कोई तर्क नहीं है, कोई तथ्य नहीं है?

उन्होंने विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने, अफवाहें फैलाने और किसानों को डराने का आरोप लगाया. मोदी ने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा, ये लोग लोकतंत्र के किसी पैमाने को मानने को तैयार नहीं है, बल्कि इन्हें सिर्फ अपना लाभ, अपना स्वार्थ नजर आ रहा है. किसानों के नाम पर अपने झंडे लेकर जो खेल खेल रहे हैं उनका अब यह सच सुनना पड़ेगा. मोदी ने आगे कहा, राजनीतिक मैदान में खुद की जमीन खुद को जिंदा रखने के लिए जड़ी-बूटी खोज रहे हैं. लेकिन देश का किसान उनको पहचान गया है और देश का किसान उनको यह जड़ी-बूटी कभी देनेवाला नहीं है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले यहां एक कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नौ करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बैंक खाते में योजना की अगली किस्त के तौर पर 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजने के कार्य का बटन दबाकर शुभारंभ किया. उन्होंने बताया कि, इस स्कीम के तहत अब तक 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खाते में जा चुका है.

मोदी ने पश्चिम बंगाल में पीएम-किसान सम्मान निधि से वंचित किसानों के मसले को लेकर वाम दलों पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इन लोगों ने किसानों को पीएम-किसान का पैसा दिलाने के लिए कभी आवाज नहीं उठाई और वहां से उठकर पंजाब चले गए हैं. ऐसे में इनके किसान हितैषी होने पर सवाल उठता है. उन्होंने कहा, यह बात मैं आज देशवासियों के सामने बड़े दर्द और पीड़ा के साथ कहना चहता हूं कि जो लोग 30 साल तक बंगाल में राज करते थे, एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा को लेकर बंगाल को कहां से कहां लाकर रख दिया, यह सारा देश जानता है और ममता जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) का 15 साल पुराना भाषण सुनेंगे तो पता चलेगा कि बंगाल को इस विचारधारा ने कितना बर्बाद किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों की नीतियों की वजह से सबसे ज्यादा बर्बाद वह किसान हुआ, जिसके पास न तो ज्यादा जमीन थी और न ही ज्यादा संसाधन. उन्होंने कहा कि इन छोटे किसानों को बैंकों से पैसा नहीं मिलता था, क्योंकि उनके पास बैंक खाता तक नहीं था. उन्होंने कहा कि पहले फसल बीमा योजना का लाभ भी छोटे किसानों में बमुश्किल से किसी को मिल पाता था.