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चीन के वुहान से लौटे छात्र ने बताया अनुभव तो पीएम मोदी बोले- जेल नहीं है लॉकडाउन

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारत लौटे कश्मीर के विद्यार्थियों के साथ वार्ता की है.

Updated on: 28 Mar 2020, 03:48 PM

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) से प्रभावित चीन के वुहान शहर से भारत लौटे कश्मीर के विद्यार्थियों के साथ वार्ता की है. छात्रों ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वुहान शहर में कोरोना वायरस से लड़ने और वहां के लॉकडाउन का अनुभव साझा किया है. एक छात्र ने पीएम नरेंद्र मोदी से फोन पर बात करते हुए कहा कि जब चीन के वुहान शहर में लॉकडाउन की घोषणा की गई तो वह मेडिकल का छात्र होने के बाद भी डर गया था.

कश्मीर के बनिहाल निवासी निजामुर रहमान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदू से बातचीत में भारत सरकार का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि चीन के वुहान में हालात खराब होते उससे पहले ही भारत सरकार ने उन लोगों को वहां से निकाल लिया. आपको बता दें कि निजामुर रहमान 60 कश्मीरी छात्रों के साथ वुहान से एअर इंडिया के माध्यम से भारत आया था.

पीएम नरेंद्र मोदी ने निजामुर रहमान से अनुभव पूछा तो उसने कहा कि वुहान में उसका अधिकतर समय लॉकडाउन में गुजरता था. पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि लोग समझते हैं कि लॉकडाउन जेल जैसा है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. इस पर रहमान ने पीएम की बातों से सहमति जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना वायरस का मुकाबला करने को लॉकडाउन जरूरी है. उनका कहना है कि इस बीमारी के संक्रमण को लॉकडाउन के जरिये ही रोका जा सकता है.

कोरोना वायरस के कोहराम के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने एक नर्स को किया फोन, ऑडियो वायरल

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों का इलाज कर रहे महाराष्ट्र के सरकारी नायडू अस्पताल की एक नर्स को फोन किया तथा वैश्विक महामारी से लड़ने में अस्पताल के कर्मचारियों के काम की प्रशंसा की. पुणे महानगरपालिका के स्वास्थ्य अधिकारी ने शनिवार को बताया कि नर्स छाया जगताप को शुक्रवार की शाम को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से फोन आया. सोशल मीडिया पर उनकी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हो गई है. मराठी भाषा में बातचीत शुरू करते हुए मोदी ने जगताप से कुशल-क्षेम पूछी.

प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि वह पूरी लगन से कोविड-19 के मरीजों का इलाज करते हुए अपनी सुरक्षा के बारे में परिवार के डर को कैसे दूर कर रही हैं. जगताप ने कहा, ‘‘हां, मैं अपने परिवार को लेकर चिंतित हूं लेकिन काम तो करना पड़ेगा. हमें इन हालात में मरीजों का इलाज करना होगा. मैं संभाल रही हूं.’’ प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि क्या अस्पताल में भर्ती मरीज डरे हुए हैं. इस पर नर्स ने कहा, ‘‘हम उनसे बात करते हैं. हमने उनसे कहा है कि डरने की जरूरत नहीं है . हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि उन्हें कुछ नहीं होगा तथा उनकी रिपोर्ट में वे संक्रमित नहीं पाए जाएंगे.’’

ऑडियो क्लिप में जगताप को कहते हुए सुना जा सकता है कि कर्मचारी संक्रमित मरीजों का हौसला बढ़ाने की कोशिश करते हैं. जगताप ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोविड-19 के सात मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. जब मोदी ने पूछा कि क्या वह, विभिन्न अस्पतालों में बिना थके लगातार काम कर रहे लाखों चिकित्साकर्मियों को कोई संदेश देना चाहती हैं, इस पर जगताप ने कहा, ‘‘डरने की कोई जरूरत नहीं है. हमें इस बीमारी से बाहर निकलना होगा और हमें अपने देश को जिताना होगा. यह अस्पताल और कर्मचारियों का उद्देश्य होना चाहिए.’’

पीएम मोदी ने जगतप की लगन और सेवा के लिए उन्हें बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी तरह लाखों नर्स, पैराचिकित्सक कर्मी, डॉक्टर सच्चे ‘तपस्वी’ हैं और अभी देश में विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की सेवा कर रहे हैं. मैं आपको बधाई देता हूं. मुझे आपके अनुभव सुनकर खुशी हुई.’’

इस पर आभार जताते हुए जगताप ने कहा, ‘‘मैं सिर्फ अपना काम कर रही हूं लेकिन आप चौबीसों घंटे देश की सेवा कर रहे हैं. हम आपके आभारी हैं.’’ उन्हें ऑडियो क्लिप में यह कहते सुना जा सकता है ‘‘ देश सौभाग्यशाली है कि उसके पास आपके जैसा प्रधानमंत्री है.’’ नायडू अस्पताल पुणे के अधिकतर कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहा है.