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PM Modi के भाषण में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली का जिक्र, जानें क्या बोले?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजकोट में अपने भाषण में रायबरेली का उल्लेख किया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'शाही परिवार' ने रायबरेली में सिर्फ राजनीति की, जबकि मोदी ने वहां काम किया.

Updated on: 25 Feb 2024, 10:25 PM

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजकोट में अपने भाषण में रायबरेली का उल्लेख किया, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 'शाही परिवार' ने रायबरेली में सिर्फ राजनीति की, जबकि मोदी ने वहां काम किया. मोदी ने कहा, "मैंने रायबरेली में एम्स बनाने का वादा किया था और मैंने इसे पूरा किया. मैंने पांच साल पहले इसकी आधारशिला रखी थी और आज मैंने इसका उद्घाटन किया. आपके सेवक ने अपनी गारंटी पूरी की." बता दें कि, मोदी का ये बयान तब आया, जब वह राजकोट, बठिंडा, रायबरेली, कल्याणी और मंगलगिरि सहित पांच एम्स के उद्घाटन कार्यक्रम में शरीक हुई थे...

मोदी ने कहा कि, "एक समय था जब राज्य एम्स की मांग करते थे, लेकिन एक भी नहीं दिया जाता था. मगर अब केवल 10 दिनों में सात नए एम्स का उद्घाटन या शिलान्यास किया गया. इसलिए देश कह रहा है कि जहां दूसरों से अपेक्षाएं खत्म हो जाती हैं, वहां मोदी की गारंटी शुरू होती है.” पीएम मोदी ने कहा कि, "आजादी के बाद 50 वर्षों तक, देश में केवल एक एम्स था और वह भी दिल्ली में. आजादी के बाद के सात दशकों में, केवल सात एम्स को मंजूरी दी गई थी, लेकिन ये भी कभी पूरे नहीं हुए."

गौरतलब है कि, पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव से पहले अपने भाषण में रायबरेली का जिक्र इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है, जिसका सोनिया गांधी ने लगातार चार बार प्रतिनिधित्व किया है. हालांकि इस साल, सोनिया गांधी इस सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी, क्योंकि वह राज्यसभा में स्थानांतरित हो गई हैं.

हाल ही में समाजवादी पार्टी के साथ सीट-बंटवारे के समझौते में, कांग्रेस ने इस सीट के लिए बातचीत की थी. अटकलें लगाई जा रही हैं कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा इस सीट से चुनावी शुरुआत कर सकती हैं. 

ज्ञात हो कि, सोनिया गांधी से पहले इंदिरा गांधी, उनके पति फिरोज गांधी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. जवाहरलाल नेहरू के पोते अरुण नेहरू और भाभी शीला कौल भी इस सीट से जीते. हालांकि, कांग्रेस की पकड़ ढीली होती जा रही है क्योंकि 2022 में कांग्रेस ने रायबरेली के सभी विधानसभा क्षेत्रों को खो दिया है. इस बार भी रायबरेली में एक जोरदार लड़ाई की उम्मीद है, भले ही कांग्रेस प्रियंका गांधी को मैदान में नहीं उतारने का फैसला करती है.