भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है - प्रधानमंत्री मोदी
भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है - प्रधानमंत्री मोदी
झांसी:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है। आज देश का मंत्र है- मेक इन इंडिया, मेक फॉर वल्र्ड। उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बुंदेलखंड में कई सौगातें दी। उन्होंने महोबा के बाद वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की धरती झांसी में सेना को मजबूती का आधार देने के साथ अटल एकता पार्क का लोकर्पण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है। जब हमें आजादी मिली, तब हमारे पास अवसर था, अनुभव था। हमें तो अपने देश को देश को सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाना, आत्मनिर्भर बनाना, हमारी जिम्मेदारी है। यही आजादी के अमृत काल में हमारा संकल्प और देश का लक्ष्य है।
मोदी ने कहा कि आज एक ओर हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए, सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। ये 100 सैनिक स्कूल जिनकी शुरूआत होगी, वो आने वाले समय में देश का भविष्य ताकतवर हाथों में देने का काम करेंगे। 33 सैनिक स्कूलों में इस सत्र से छात्राओं के एडमिशन भी शुरू किए गए हैं।
उन्होंने झांसी के एक और सपूत मेजर ध्यानचंद का स्मरण किया। जिन्होंने भारत के खेल जगत को दुनिया में पहचान दी। उन्होंने कहा कि अभी कुछ समय पहले ही हमारी सरकार ने देश के खेल रत्न अवॉर्ड को मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर रखने की घोषणा की है।
उनहोंने कहा कि इस धरती पर आकर मुझे एक विशेष कृतज्ञता की अनुभूति होती है, एक विशेष अपनापन लगता है। इसी कृतज्ञ भाव से मैं झांसी को नमन करता हूं, वीर वीरांगनाओं की धरती बुंदेलखंड को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं।
कहा कि झांसी की यह धरती रानी लक्ष्मीबाई की अभिन्न सहयोगी रहीं वीरांगना झलकारी बाई की वीरता और सैन्य कौशल की भी साक्षी रही है। मैं 1857 के स्वाधीनता संग्राम की उस अमर वीरांगना के चरणों में भी नमन करता हूं, अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं नमन करता हूं बुंदेलखण्ड के गौरव उन वीर आल्हा-ऊदल को, जो आज भी मातृ-भूमि की रक्षा के लिए त्याग और बलिदान के प्रतीक हैं। मैं नमन करता हूं इस धरती से भारतीय शौर्य और संस्कृति की अमर गाथाएं लिखने वाले चंदेलों-बुंदेलों को, जिन्होंने भारत की वीरता का लोहा मनवाया।
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज झांसी की ये धरती आजादी के भव्य अमृत महोत्सव की साक्षी बन रही है। आज इस धरती पर एक नया, सशक्त और सामथ्र्यशाली भारत आकार ले रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय भारत की गिनती दुनिया में सबसे अधिक रक्षा उपकरण खरीदने वाले देशों में होती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज भारत 65 फीसदी रक्षा उपकरण स्वदेशी प्रयोग कर रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री ने जो शुरूआत की थी, उसका असर यह हुआ कि आज सेना में महिलाओं को भर्ती किया जा रहा है। सैनिक स्कूलों में भी छात्राओं का प्रवेश इस बार से शुरू किया गया है।
प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना को एचएएल के हल्के कॉम्बेट हेलीकॉप्टर सौंपे। डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और बीईएल-निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भारतीय नौसेना को सौंपे। भारतीय स्टार्टअप द्वारा विकसित ड्रोन और यूएवी भारतीय सेना को सौंपे।
मोदी ने दिल्ली में नेशनल वार मेमोरियल में संवर्धित वास्तविकता संचालित इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क राष्ट्र को समर्पित किया। जो आगंतुकों को बटन के साधारण क्लिक के माध्यम से शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने एनसीसी के सभी तीन विंगों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसी कैडेटों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके साथ ही एनसीसी के पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ किया। संघ के पहले सदस्य भी बने। इसका उद्देश्य पूर्व और वर्तमान एनसीसी कैडेट्स को एक मंच पर लाना है।
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