logo-image

कांग्रेस ने कहा- मोदी को किसानों से सीधे बात करनी चाहिए, क्योंकि...

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के तीन "काले" कृषि कानूनों को निलंबित करना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारी किसानों से सीधे वार्ता करनी चाहिए.

Updated on: 02 Dec 2020, 10:40 PM

चंडीगढ़:

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को बिना किसी देरी के तीन "काले" कृषि कानूनों को निलंबित करना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदर्शनकारी किसानों से सीधे वार्ता करनी चाहिए. केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे किसानों संघों के बीच एक दिन पहले हुई वार्ता नए कृषि कानूनों पर गतिरोध खत्म करने में नाकाम रही और दोनों पक्ष बृहस्पतिवार को फिर मिलेंगे. संगठनों ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया.

सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा कि कृषि मंत्री (नरेंद्र सिंह तोमर) वार्ता करने के लिये अक्षम हैं, इसलिए प्रधानमंत्री को सभी पूर्वाग्रहों एवं पहले से तय धारणाओं को एक तरफ रखकर यह वार्ता करनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, करीब 20,000 किसानों के खिलाफ पराली जलाने या "दिल्ली चलो" मार्च के संबंध में मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को बिना किसी देरी के इन तीन काले कानूनों को निलंबित करना चाहिए, पराली जलाने के संबंध में किसानों को दंडित करने के लिए जारी अधिसूचना और किसानों के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों को वापस लेना चाहिए.  सुरजेवाला ने कहा कि मामले के समाधान तक कानूनों को निलंबित कर देना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृषि मंत्री ने विशेष समिति गठित करने का एक "लॉलीपॉप" दिया है. उन्होंने पूछा कि कानून बनाने से पहले अलग-अलग किसान संगठनों, उनके प्रतिनिधियों, पक्षकारों और राज्य सरकारों से विमर्श करने के लिए समिति क्यों गठित नहीं की गई? सुरजेवाला ने जानना चाहा कि कृषि संबंधी कानूनों को विशेष संसदीय समिति के पास क्यों नहीं भेजा गया, जैसा कि संसद में विपक्ष मांग कर रहा था.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार एक बार फिर न सिर्फ किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि अपने पूंजीपति दोस्तों के कारण किसानों को गुलाम बनाने और उनके हितों को दबाने पर आमादा है. उन्होंने मांग की कि राजग सरकार को बताना चाहिए कि देश के किस किसान संगठन ने ऐसे किसी कानून की मांग की थी. सुरजेवाला ने हरियाणा में भाजपा की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह दोनों ओर से खेलने की कोशिश कर रही है.

जजपा ने मंगलवार को केंद्र सरकार को सुझाव दिया था कि वह किसानों को लिखित आश्वासन दे दे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था जारी रहेगी. सुरजेवाला ने कहा, " जजपा दोहरी बात कर रही है. दुष्यंत चौटाला (जेजेपी नेता एवं हरियाणा के उपमुख्यमंत्री) सत्ता से चिपके हुए हैं और किसान विरोधी, मजदूर विरोधी और गरीब विरोधी तीन काले कानूनों का समर्थन करते हैं और सरकार का हिस्सा हैं.