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#SheInspiresUs: पीएम मोदी की मुहिम का हो रहा असर, शेयर कर रही महिलाएं अपनी कहानी

भारत में भी महिला दिवस मनाया जाता है. पहले के मुकाबले अब महिलाओं की स्थिति बेहतर हो रही है. महिला अब हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधा मिलकर आगे बढ़ रही है.

Updated on: 07 Mar 2020, 10:34 PM

नई दिल्ली:

8 मार्च को पूरी दुनिया महिला दिवस (women's day) मनाएगी. सबसे पहले 1909 में महिला दिवस मनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1975 में इसे थीम के साथ मनाना शुरू किया गया. तब जाकर महिला दिवस को मान्यता मिला. भारत में भी महिला दिवस मनाया जाता है. पहले के मुकाबले अब महिलाओं की स्थिति बेहतर हो रही है. महिला अब हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधा मिलकर आगे बढ़ रही है. वो एक अलग पहचान बना रही हैं.

जिस क्षेत्र में पुरुषों का वर्चस्व था अब वहां भी महिलाएं जगह बनाने लगी है. 23 साल की कैब ड्राइवर आरती का कहना है, ज्यादातर लोगों की नजर में ड्राइविंग सिर्फ लड़के ही कर सकते हैं, लड़कियां नहीं कर सकतीं. फिर भी मेरे घरवालों ने मुझे सपोर्ट किया और घर से बाहर इस पेशे में भेजा.

आरती एनजीओ में भी काम करती है. वो महिला दिवस पर पीएम मोदी से चाहती हैं कि वो  (#SheInspiresUs ) ट्वीट करते हैं तो इससे उन्हें बहुत फायदा होगा.

पटना की संगीता ने मर्दों को छोड़ा पीछे

वहीं, पटना की ऑटो ड्राइवर संगीता ने बताया कि वो चार साल से ऑटो चला रही हैं. वो तीन बच्चों की मां है. दूसरी महिलाएं भी उनसे प्रेरणा लेती हैं. इस काम को सीखना चाहती हैं.

संगीता ने कहा कि पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत से काम किए हैं. हमें ऑटो चलाने की ट्रेनिंग सरकार ने दी है. सरकार हमें प्रोत्साहित कर रही है. मेरा प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि अगर हम इस पेशे में आए हैं तो हमें सपोर्ट किया जाए.

जिसे पेशे में महिलाओं के लिए नहीं थी जगह, अर्चना ने छीनी कुर्सी

वहीं हरियाणा के करनाल की बस ड्राइवर अर्चना अपनी कहानी बताते हुए कहती है कि वो पांच साल से बस चला रही हैं. समाज महिलाओं को इस पेशे में स्वीकार नहीं करता हैं. लेकिन वो इस पेशे में आई और खुश हैं कि लोग अब उनके पेशे को समझ रहे हैं.

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अर्चना और उनके साथी सरिता जो बस कंडक्टर हैं उन्हें महिला दिवस पर सीएम एमएल खट्टर द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

महिला कराटा खिलाड़ी ने भारत का नाम किया रोशन

कराटा में महारत हासिल की सयेडा फालाक ने बताया कि वो 13 साल की उम्र से कराटे खेलना शुरू कर दिया था. ट्रेनिंग के छह महीने बाद से ही सयेडा अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने लगीं. वो 20 राष्ट्रीय और 22 अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप की विजेता हैं.

यहां महिलाएं पोल्ट्री फार्मों समेत कई छोट-बड़े उद्यम स्थापित किए

मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर के एक गांव में महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह (SHG) का गठन किया है. इसके तहत महिलाएं पोल्ट्री फार्मों समेत कई छोट-बड़े उद्यम स्थापित किए हैं. इस समूह के एक सदस्य के मुताबिक समूह में शामिल होने से पहले, हमारे परिवारों की वित्तीय स्थिति बहुत गंभीर थी. लेकिन अब यह अच्छा है.

यहां महिलाएं के कंधे पर है ट्रेन के रखरखाव की जिम्मेदारी

केरल के तिरुवनंतपुरम सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर महिलाएं वैनचिनद एक्सप्रेस की रखरखाव का प्रबंधन करती हैं. ट्रेन का प्रबंधन देखने वाली कर्मचारी महिला का कहना है कि हम पिछले 3 साल से खुशी-खुशी और आत्मविश्वास के साथ इस ट्रेन का रखरखाव कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन के लगभग हर हिस्से की जांच करते हैं कि वे ठीक है.

गोल्डन गर्ल आयशा नूर बस्ती की लड़कियों को मुफ़्त में कराटे सिखाती 

वहीं कोलकाता के स्लम में रहने वाली गोल्डन गर्ल आयशा नूर बस्ती की लड़कियों को मुफ़्त में कराटे सिखाती हैं. उन्होंने बताया कि 5 साल की उम्र से वो कराटे सीख रही हूं. 2012 में जब दिल्ली गैंगरेप का हादसा हुआ था उसके बाद 2013 से मैंने लड़कियों को कराटे सिखाना शुरू किया.

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दरअसल, पीएम मोदी ने 8 मार्च यानी महिला दिवस के दिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट का हैंडल को महिलाओं को देने का फैसला किया है. इसके लिए उन्होंने हैशटैग शी इंस्पायर्सअस नाम से मुहिम चलाई है. पीएम मोदी के ट्वीट करते ही सोशल मीडिया पर रिएक्शन की बाढ़ आ गई है. हर क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं इस हैशटैग के साथ अपनी कहानी बता रही हैं.