पीएम मोदी ने खुद की लिखी कविता किया ट्वीट, सुंदर शब्दों में किया किया वसंत का वर्णन, पढ़ें पूरी कविता

पीएम मोदी ने वसंत पंचमी के अवसर पर एक खुद की लिखी कविता शेयर की है। कविता का लिंक उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विवर हैंडल से ट्टीट किया है।

पीएम मोदी ने वसंत पंचमी के अवसर पर एक खुद की लिखी कविता शेयर की है। कविता का लिंक उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विवर हैंडल से ट्टीट किया है।

author-image
abhiranjan kumar
एडिट
New Update
पीएम मोदी ने खुद की लिखी कविता किया ट्वीट, सुंदर शब्दों में किया किया वसंत का वर्णन, पढ़ें पूरी कविता

फोटो क्रेडिटः @narendramodi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसंत पंचमी के अवसर पर एक खुद की लिखी कविता शेयर की है। इस कविता को मोदी ने बहुत पहले लिखा था। कविता का लिंक उनके आधिकारिक ट्विवर हैंडल से ट्टीट किया गया है।

Advertisment

इस कविता के जरिए मोदी ने वसंत का सुंदर चित्रण किया है। उन्होंने बताया है कि अंत में आरंभ है और आरंभ में अंत है। कविता के जरिए उन्होंने पतझड़ को भी सुंदर शब्दों से सजाया है।

नरेंद्र मोदी ने कई कविताएं लिखी हैं और गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका गुजराती कविताओं का एक कविता संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है। अपनी भाषण कला से लोगों को बांधकर रखने वाले पीएम मोदी ने प्रेम और देशभक्ति पर भी कई कविताएं लिखी हैं।

मोदी की पूरी कविता इस प्रकार है जो उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है।

अंत में आरंभ है, आरंभ में है अंत,

हिय में पतझर के कूजता वसंत।

सोलह बरस की वय, कहीं कोयल की लय, किस पर है उछल रहा पलाश का प्रणय ?

लगता हो रंक भले, भीतर श्रीमंत

हिय में पतझर के कूजता वसंत।

किसकी शादी है, आज यहाँ बन में ? फूट रहे, दीप-दीप वृक्षों के तन में

देने को आशीष आते हैं संत,

हिय में पतझर के कूजता वसंत।

PM modi vasant panchami
Advertisment