/newsnation/media/post_attachments/images/2017/02/01/29-Narendra-Modi.jpg)
फोटो क्रेडिटः @narendramodi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वसंत पंचमी के अवसर पर एक खुद की लिखी कविता शेयर की है। इस कविता को मोदी ने बहुत पहले लिखा था। कविता का लिंक उनके आधिकारिक ट्विवर हैंडल से ट्टीट किया गया है।
इस कविता के जरिए मोदी ने वसंत का सुंदर चित्रण किया है। उन्होंने बताया है कि अंत में आरंभ है और आरंभ में अंत है। कविता के जरिए उन्होंने पतझड़ को भी सुंदर शब्दों से सजाया है।
नरेंद्र मोदी ने कई कविताएं लिखी हैं और गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उनका गुजराती कविताओं का एक कविता संग्रह भी प्रकाशित हो चुका है। अपनी भाषण कला से लोगों को बांधकर रखने वाले पीएम मोदी ने प्रेम और देशभक्ति पर भी कई कविताएं लिखी हैं।
मोदी की पूरी कविता इस प्रकार है जो उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है।
On Basant Panchami, sharing a poem I wrote long back on Basant. https://t.co/PQDDlgeyhc
— Narendra Modi (@narendramodi) February 1, 2017
अंत में आरंभ है, आरंभ में है अंत,
हिय में पतझर के कूजता वसंत।
सोलह बरस की वय, कहीं कोयल की लय, किस पर है उछल रहा पलाश का प्रणय ?
लगता हो रंक भले, भीतर श्रीमंत
हिय में पतझर के कूजता वसंत।
किसकी शादी है, आज यहाँ बन में ? फूट रहे, दीप-दीप वृक्षों के तन में
देने को आशीष आते हैं संत,
हिय में पतझर के कूजता वसंत।