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पोकरण परमाणु परीक्षण को याद करते हुए PM मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

आज यानि 11 मई का दिन भारत के इतिहास के लिए गौरवान्वित से भरा हुआ है. आज ही के दिन 1998 में पोकरण परमाणु परीक्षण किया गया था. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वजह से भारत ने पश्चिमी शक्तियों के कभी न खत्म होने वाले प्रभुत्व को चुनौती थी.

Updated on: 11 May 2020, 09:55 AM

नई दिल्ली:

आज देशभर में टेक्नोलॉजी दिवस (National Technology Day 2020) मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट करते हुए लिखा, 'हमारा राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रहे हैं. 1998 में आज ही के दिन हमारे वैज्ञानिकों ने ने असाधारण उपलब्धि हासिल की थी जो भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था.'

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इसके साथ ही आपको बता दें कि आज यानि 11 मई का दिन भारत के इतिहास के लिए गौरवान्वित से भरा हुआ है. आज ही के दिन 1998 में पोकरण परमाणु परीक्षण किया गया था. डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वजह से भारत ने पश्चिमी शक्तियों के कभी न खत्म होने वाले प्रभुत्व को चुनौती थी.

वहीं पीएम मोदी ने पोकरण परीक्षण को याद करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि सन् 1998 में पोकरण हुए परीक्षण ने दिखाया कि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के साथ भारत एक नया मुकाम हासिल कर सकता है. इसी के साथ पीएम ने पोखरण परीक्षण पर अपने द्वारा की गई 'मन की बात' का एक वीडियो भी शेयर किया है. 

गौरतलब है कि पहला परमाणु परीक्षण (पोकरण-1) सन् 1974 में इंदिरा गांधी की सरकार के नेतृत्व में किया गया था, जिसे ऑपरेशन 'स्माइलिंग बुद्धा' नाम दिया गया था. वहीं इसके बाद 1998 में पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने आज ही के दिन राजस्थान के पोकरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को हिला दिया था. 11 मई और 13 मई को भारत ने 5 परमाणु परीक्षण किए थे. पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की अगुआई में यह मिशन कुछ इस तरह से अंजाम दिया गया कि अमेरिका समेत पूरी दुनिया को इसकी भनक तक नहीं लगी थी.

भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया था जो सफल रहा था. इस परीक्षण के बाद भारत परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा देश बना था. हालांकि इसके बाद भारत को कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था.  जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत प्रमुख देशों द्वारा भारत के खिलाफ विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों लगाए गए थे.