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आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम दुष्कर्म के खिलाफ प्रभावी भूमिका निभाएगा: पीएम नरेंद्र मोदी

नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम दुष्कर्म के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य करेगा और महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने में एक प्रभावी भूमिका निभाएगा।

Updated on: 26 Aug 2018, 07:07 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम दुष्कर्म के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य करेगा और महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर लगाम लगाने में एक प्रभावी भूमिका निभाएगा। यह अधिनियम इस महीने की शुरुआत में पारित हुआ था। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा, 'कोई भी सभ्य समाज महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता। राष्ट्र दुष्कर्म करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बिंदु के मद्देनजर संसद ने आपराधिक कानून (संशोधन)अधिनियम को पारित कर सख्त सजा के प्रावधान बनाए हैं।'

नए अधिनियम के तहत दुष्कर्म के दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 10 साल की कैद और 12 साल से कम की उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म के दोषी पाए जाने वाले को फांसी की सजा का प्रावधान है।

मोदी ने मध्य प्रदेश की मंदसौर स्थित अदालत के फैसले की भी सराहना की। अदालत ने बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी पाए गए दो अपराधियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है।

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वाजपेयी सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री

वहीं दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें हमेशा सर्वश्रेष्ठ सांसद, संवेदनशील लेखक, सर्वश्रेष्ठ वक्ता और सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में सुशासन को मुख्यधारा में लाने और सकारात्मक राजनीतिक संस्कृति को बढ़ावा देने का श्रेय भी वाजपेयी को जाता है।

अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मान की बात' में राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वाजपेयी एक सच्चे देशभक्त थे और यह उनके कार्यकाल के दौरान ही राष्ट्रीय बजट पेश करने का समय बदला गया था।

उन्होंने कहा, "इससे पहले ब्रिटिश परंपरा के अनुरूप बजट शाम पांच बजे प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि लंदन की संसद में उस समय काम शुरू होता था। लेकिन, 2001 में अटलजी ने बजट पेश करने का समय सुबह 11 बजे कर दिया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने उन नियमों को तैयार किया जिससे सार्वजनिक स्थानों पर तिरंगे को फहराना संभव हुआ।

मोदी ने कहा, "इसके जरिए हमारे देशवासियों को हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अधिक से अधिक फहराने का मौका मिला। उन्होंने इस प्रकार हमारे प्रिय तिरंगे को आम आदमी के करीब किया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश 91वें संशोधन अधिनियम, 2003 को लाने के लिए भी वाजपेयी का आभारी रहेगा। इस संशोधन अधिनियम ने राज्यों में मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या विधानसभा की कुल सीटों के 15 प्रतिशत तक सीमित कर दी। साथ ही दल बदल कानून के तहत सीमा को एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दिया गया।

उन्होंने कहा, "कई वर्षों तक, नेताओं को खुश करने के लिए विशालकाय मंत्रिमंडल का गठन कर राजनीतिक संस्कृति का दुरुपयोग किया जा रहा था। अटलजी ने इसे बदल दिया। इसके परिणामस्वरूप धन और संसाधनों की बचत हुई।" 

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मोदी ने कहा, "मैं यह कहना चाहूंगा कि एक अच्छे लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा का विकास, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयास और खुले विचारों की बहसों को प्रोत्साहित करना अटलजी के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी।"